For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

'चित्र से काव्य तक' प्रतियोगिता अंक -१६  

नमस्कार दोस्तों !

इस बार की चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता अंक-१६ में आप सभी का हार्दिक स्वागत है | रिमझिम बरसात के मौसम में ठंडी-ठंडी फुहार से युक्त सावन की मस्ती का प्रतिनिधित्व करता हुआ इस बार का नयनाभिराम चित्र अपने आप में अनमोल है जिसे हमारे विद्वान प्रतिभागियों द्वारा अनेक रूप में चित्रित किया जा सकता है |

साथियों! इस साल की भयंकर गर्मी झेलने के बाद जैसे ही सावन की ठंडी-ठंडी फुहारें आयीं वैसे ही अधिकतर बागों में झटपट झूले पड़ गए अब इन झूलों पर झूलने वालों को बचपन जैसी मस्ती तो आनी ही है    

मधुर सावनी है यहाँ, ठंडी मस्त फुहार.

मौसम की हैं मस्तियाँ, प्रियतम से अभिसार..

आइये तो उठा लें अपनी-अपनी लेखनी, और कर डालें इस चित्र का काव्यात्मक चित्रण, और हाँ.. पुनः आपको स्मरण करा दें कि ओ बी ओ प्रबंधन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि यह प्रतियोगिता सिर्फ भारतीय छंदों पर ही आधारित होगी, कृपया इस प्रतियोगिता में दी गयी छंदबद्ध प्रविष्टियों से पूर्व सम्बंधित छंद के नाम व प्रकार का उल्लेख अवश्य करें | ऐसा न होने की दशा में वह प्रविष्टि ओबीओ प्रबंधन द्वारा अस्वीकार की जा सकती है | 

प्रतियोगिता के तीनों विजेताओं हेतु नकद पुरस्कार व प्रमाण पत्र  की भी व्यवस्था की गयी है जिसका विवरण निम्नलिखित है :-

"चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता हेतु कुल तीन पुरस्कार 
प्रथम पुरस्कार रूपये १००१
प्रायोजक :-Ghrix Technologies (Pvt) Limited, Mohali
A leading software development Company 

 

द्वितीय पुरस्कार रुपये ५०१
प्रायोजक :-Ghrix Technologies (Pvt) Limited, Mohali

A leading software development Company

 

तृतीय पुरस्कार रुपये २५१
प्रायोजक :-Rahul Computers, Patiala

A leading publishing House

नोट :-

(1) १४ तारीख तक रिप्लाई बॉक्स बंद रहेगा, १५  से १७ तारीख तक के लिए Reply Box रचना और टिप्पणी पोस्ट करने हेतु खुला रहेगा |

(2) जो साहित्यकार अपनी रचना को प्रतियोगिता से अलग रहते हुए पोस्ट करना चाहे उनका भी स्वागत है, अपनी रचना को"प्रतियोगिता से अलग" टिप्पणी के साथ पोस्ट करने की कृपा करे | 

सभी प्रतिभागियों से निवेदन है कि रचना छोटी एवं सारगर्भित हो, यानी घाव करे गंभीर वाली बात हो, रचना पद्य की किसी विधा में प्रस्तुत की जा सकती है | हमेशा की तरह यहाँ भी ओबीओ के आधार नियम लागू रहेंगे तथा केवल अप्रकाशित एवं मौलिक कृतियां ही स्वीकार किये जायेगें | 

विशेष :-यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें|  

अति आवश्यक सूचना :- ओ बी ओ प्रबंधन ने यह निर्णय लिया है कि "चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता अंक-१६ , दिनांक १५ जुलाई  से १७ जुलाई   की मध्य रात्रि १२ बजे तक तीन दिनों तक चलेगी, जिसके अंतर्गत आयोजन की अवधि में प्रति सदस्य अधिकतम तीन पोस्ट ही दी जा सकेंगी साथ ही पूर्व के अनुभवों के आधार पर यह तय किया गया है कि नियम विरुद्ध व निम्न स्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये और बिना कोई पूर्व सूचना दिए प्रबंधन सदस्यों द्वारा अविलम्ब हटा दिया जायेगा, जिसके सम्बन्ध में किसी भी किस्म की सुनवाई नहीं की जायेगी |

मंच संचालक: अम्बरीष श्रीवास्तव

Views: 15447

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

बहुत सुन्दर छंद राचा है सर जी क्या शानदार छंद बहुत बहुत बधाई आपको
इस पर एक प्रयास मेरी ओर से भी सर जी आशा है स्नेह और मार्गदर्शन मिलेगा


फुहार सावनी सप्रीत अंग अंग भीगता
छटा सुहानि देख देख दंग "दीप" रीझता
सजा रहे सखी सखा नए पुनीत झूलना
लजा लजा सखी कहे सखा हमें न भूलना ...............दीप......................

वाह वाह संदीप जी......
उम्दा कहा
___शानदार रचना

सुगन्ध श्रावणी सुहावनी बिखेरती धरा।

सुरम्य शोभता जहान है हुआ हरा भरा।....wah...

 

निहारती वसुंधरा खिली खिली बहार को।

विदग्ध धूप स्वेद सिक्त, ढूंढती फुहार को।...kya bat hai

 

मयूर पांख शीश में सजाय खूब सोहते।

सुनात बांसुरी मुरारि राधिका विमोहते।..umda..

 

अजेय मेघ वृन्द में उमाह अंग अंग है।   

बजा रही निशा मृदंग, माँद नींद भंग है।...maza aa gaya Sanjay bhai...wah!

 

खुशी उलेलती कभी उछाह को उड़ेलती।    

नदी उफान ले चली अकाल को धकेलती।

किसान मस्त सीर काँध बोह झूमते चले।

किशोर-बाल कीच में किलोलते मिलें गले।...behtareen.

 

 

संजय मिश्रा 'हबीब' ji aapane jandar-shandar chhand ke vyanjan OBO ki thali me parose hai...wah...

 

 

इस छंद के माध्यम से संसृत ओज, उत्साह और ऊर्जा काव्य पंक्तियों को वेगवती करती हैं. इसी कारण, आह्वान करती भाव-दशा के उद्गार हेतु पञ्चचामर छंद अति उपयुक्त छंद माना जाता है. आपने सावन की छटा की समृद्धि को बखानने के लिये इस छंद का प्रयोग कर मन मोह लिया है.  अति उच्च विधा का सुखद सफल निर्वहन हआ है.
सदा रहा प्रशंसनीय शब्द-चित्र-भाव यों

यहाँ हुआ प्रयास आज पद्य-अर्चना लगे
’हबीब’ आज मुग्ध हूँ कि छंद की बिसात पे
सधा हुआ प्रयास आपका मुझे भला लगे 

भाई संजयजी, पञ्चचामर छंद पर हुई सिद्धहस्तता हेतु आपको हार्दिक बधाइयाँ. 

वाह संजय  जी वाह....

बेहतरीन पञ्चचामर छंद कहे हैं आपने ....बहुत बहुत बधाई स्वीकारें मित्र ......सस्नेह .....

॥सवैय्या छन्द (24 मात्रा)॥

घन घोर घटा गरजे बदरा जियरा हमरा डरि जात सखी।
बिजुरी चमकै चकचौंध मचै तनिको नहि पंथ देखात सखी॥
पिय हाट गये कहूं बाट रहे बढ़िजात यहां बरसात सखी।
बहु रैन गई अब चैन नहीं मन मैन न मो सों मनात सखी॥

मनभावन सावन आवन के जब बात सुनै हमरो जियरा।
मनप्रीत के दीप जलाइ पिया जब आनि धरे दिल के दियरा॥
कहने को तो दीप जलावत हैं हरषावत हैं हमरो हियरा।
मतवारे पिया की प्रेम पियारी दिनरात जपूं पियरा पियरा॥

पिय हाट गये कहूं बाट रहे बढ़िजात यहां बरसात सखी।
बहु रैन गई अब चैन नहीं मन मैन न मो सों मनात सखी॥

 

प्रिय त्रिपाठी  जी प्रेम और बेचैनी का अद्भुत समन्वय ...खूब सूरत 
बधाई 
भ्रमर ५ 

 

waah waah waah waah

kya baat hai

saavan ka samoocha drishya  saakar kar diya

मनप्रीत के दीप जलाइ पिया जब आनि धरे दिल के दियरा॥

___jai ho jai ho

__tripathi ji ka abhinandan !

भाई विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी जी, आनंद आगया आपके सवय्ये पढ़ कर. दोनों ही सवय्ये बहुत ही ओजस्वी और प्रवाहमई बन पड़े हैं, हार्दिक बधाई स्वीकार करें.

बहुत सुन्दर छंद रचा है आ. भाई विन्धेश्वरी जी बहुत बहुत बधाई आपको

मनभावन सावन आवन के जब बात सुनै हमरो जियरा।
मनप्रीत के दीप जलाइ पिया जब आनि धरे दिल के दियरा॥
कहने को तो दीप जलावत हैं हरषावत हैं हमरो हियरा।
मतवारे पिया की प्रेम पियारी दिनरात जपूं पियरा पियरा॥

अत्यंत मन भावन छंद है विन्ध्येश्वरी  प्रसाद जी हार्दिक बधाई

विन्ध्येश्वरी  जी आपके सवैया छंद ने मन मोह लिया बहुत सुन्दर लय युक्त हार्दिक बधाई 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
3 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Jul 29
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service