For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अजीत शर्मा 'आकाश'
  • Allahabad, U.P.
  • India
Share on Facebook MySpace

अजीत शर्मा 'आकाश''s Friends

  • वेदिका
  • Saurabh Pandey

अजीत शर्मा 'आकाश''s Groups

 

अजीत शर्मा 'आकाश''s Page

Latest Activity

अजीत शर्मा 'आकाश' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-119
"अच्छी और सधी हुई ग़ज़ल.... गिरह बहुत अच्छी लगायी है आपने !!!"
May 23, 2020
अजीत शर्मा 'आकाश' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-119
"बहुत शुक्रिया, भाई अनीस अरमान जी !!!"
May 23, 2020
अजीत शर्मा 'आकाश' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-119
"बहुत शुक्रिया, भाई लक्ष्मण धामी जी !!!"
May 23, 2020
अजीत शर्मा 'आकाश' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-119
"धन्यवाद !!!"
May 23, 2020
अजीत शर्मा 'आकाश' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-119
"अच्छी ग़ज़ल है, भाई नादिर ख़ान जी !!!"
May 23, 2020
अजीत शर्मा 'आकाश' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-119
"हालात क्यों ग़रीब के बदले नहीं अभी जम्हूरियत को आये ज़माना बहुत हुआ// क्या कहने.... बहुत अच्छा कहा !!!"
May 23, 2020
अजीत शर्मा 'आकाश' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-119
"वाह.... अच्छी ग़ज़़ल कही है आपने !!! आ0 समर कबीर साहब का मार्गदर्शन पटल को उपलब्ध है, यह हमारा सौभाग्य है !!!"
May 23, 2020
अजीत शर्मा 'आकाश' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-119
"बहुत-बहुत शुक्रिया आ0 रचना भाटिया जी !!!"
May 23, 2020
अजीत शर्मा 'आकाश' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-119
"हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत-बहुत आभार, भाई अजय गुप्ता जी !!!"
May 23, 2020
अजीत शर्मा 'आकाश' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-119
"हार्दिक आभार आ0 दयाराम मैथानी जी !!!"
May 23, 2020
अजीत शर्मा 'आकाश' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-119
"आपके आशीर्वचनों के लिए हार्दिक आभारी हूँ, आ0 समर कबीर साहब। पढ़ते समय 'दीवाना' में मात्रा गिराकर दिवाना नहीं पढ़ा जा सकता क्या ?  या 'दिवाना' ही लिखना चाहिए ? सहीह शब्द "दफ़'अ" 21 के बारे में जानकारी नहीं थी…"
May 23, 2020
अजीत शर्मा 'आकाश' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-119
"शिकवे-गिले सुनाना, सताना बहुत हुआ। बाहों में आ भी जाओ, बहाना बहुत हुआ। फिर फूल मुस्कुराये, बहारें जवाँ हुईं मौसम शरीर फिर से दीवाना बहुत हुआ। आँखों में है उदासी, जिगर में भी दर्द है देखे हुए किसी को ज़माना बहुत हुआ। कितनी दफ़ा बतायें सबब हादसे का…"
May 22, 2020

Profile Information

Gender
Male
City State
Allahabad U.P.
Native Place
Etawah
Profession
Service
About me
Kavi-Shair

अजीत शर्मा 'आकाश''s Blog

ग़ज़ल - देख लेना क्रान्ति अपनी रंग लायेगी ज़रूर

ग़ज़ल

 

देख लेना क्रान्ति अपनी रंग लायेगी ज़रूर

ये महा हड़ताल शासन को झुकायेगी ज़रूर

 

देखकर गहरा अंधेरा किसलिए मायूस हो

रात कितनी भी हो लम्बी भोर आयेगी ज़रूर

 

हौसला हालात से लड़ने का होना चाहिए

आयेंगे तूफ़ां तो कश्ती डगमगायेगी ज़रूर

 

अब बग़ावत पर उतर आओ सुनो पूरी तरह

वर्ना ये सत्ता तुम्हें  भी नोंच खायेगी ज़रूर

 

ये हमारी सारी माँगें मान तो ली जायेंगी

हाँ मगर सरकार हमको…

Continue

Posted on November 21, 2013 at 6:30am — 11 Comments

जुम्मन ख़ाँ (व्यंग्य -रचना)

__________________

जुम्मन ख़ाँ

__________________

अब तो थोड़ा सोचो और विचारो जुम्मन ख़ाँ

मेरी मानो अपना हाल सुधारो जुम्मन ख़ाँ .

 

सच्चाई को कब तक ओढ़ो और बिछाओगे

ख़ुदग़र्ज़ी से, मक्कारी से आँख चुराओगे

मुँह में रखकर राम बगल में छुरी नहीं रखते

नीयत कभी किसी की ख़ातिर बुरी नहीं रखते

निश्छल चेहरे पर छाया जो ये भोलापन है

सच मानो जुम्मन ख़ाँ सबसे शातिर दुश्मन है

थोड़ा सा तो डूबो धन-दौलत की चाहत में…

Continue

Posted on October 13, 2013 at 2:30pm — 12 Comments

ग़ज़ल

---------------------------

           ग़ज़ल

---------------------------

कैसा      भाईचारा     जी

रख दो  माल  हमारा  जी .

 

दिल का क्या कहना मानें

दिल  तो  है  आवारा  जी  .

 

शीशा तोड़ा,  क्या तोड़ा ?

तोड़ो  तम की  कारा  जी .

 

माल  अकेले  गपक गये 

तुम  सारे  का  सारा  जी .

 

जाओ,  कूद पड़ो  रण में

दुश्मन ने  ललकारा  जी .

 

पेट भरेगा…

Continue

Posted on October 1, 2013 at 8:00am — 14 Comments

Comment Wall (4 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 6:14pm on October 18, 2013, वीनस केसरी said…

WAAH PHOTO LAG GAI :)))))))))

At 11:37pm on August 11, 2013, mrs manjari pandey said…

     धन्यवाद आदरणीय अजीत जी !

At 11:33am on July 11, 2013, वीनस केसरी said…

स्वागत स्वागत हार्दिक स्वागत

At 11:19am on July 11, 2013,
सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey
said…

आदरणीय अजीत ’आकाश’ भाईजी, आपका इस मंच पर हार्दिक स्वागत है. पूर्ण विश्वास है, इस मंच के साहित्याग्रही आपकी सुखकर रचनाओं का रसास्वादन करेंगे. 

शुभ-शुभ

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
12 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service