इस बार के कार्टून में पुलिस विभाग के 'समसामयिक' ऊपरी कमाई का सच्चा चिट्ठा खोलते सृजन के लिए तहे दिल से बहुत बहुत मुबारकबाद मोहतरम जनाब विनय कुल साहब। यह कृति देश के हर महकमे में व्याप्त भ्रष्टाचार का प्रतिनिधि-चित्रण करती है।
सर, बहुत बढ़िया प्रस्तुति रहती है आपकी, किन्तु ऐसे कटाक्ष पूर्ण कार्टून की प्रतीक्षा है कि या तो ख़ूब हँसी आ जाये, या गहन चिन्तन को पाठक प्रेरित हो जाये। सादर
अल बगदादी के प्रशिक्षण का असर अब रसोई तक आ पहुंचा है। ट्रैनिंग का प्रताप है जी , बचकर रहना है जरूरी , हा हा हा हा --- बहुत कार्टून हुई है आपकी , बधाई आदरणीय विनय कुल जी।
बढ़िया व्यंग्य है आदरणीय विनय कुल साहब, लेकिन विडम्बना यह है कि उनसे प्रशिक्षण प्राप्त पकड़े जाने पर ही ऐसी उद्घोषणा करते हैं दिये गये मिशन को पूरा करने के बाद ही न । पति के लिए तो सास जी द्वारा दिया गया प्रशिक्षण पत्नी की दबंगी, ऊँची आवाज़, बेलन व चिमटा ही काफी है !
" दाल रोटी खाओ और प्रभु के गुण गाओ " एक समय ये भी हुआ करता था की दाल रोटी गरीबों के गुजरे का साधन था ,लेकिन आज की महंगाई ने दाल खाने को भी चाँद पाने की तमन्ना में बदल दी है। मर्म और कटाक्ष दोनों के तीर आपने साथ ही चलाये है इस कार्टून के जरिये। बंदा देखकर न हँस पाये न रो पाये। बधाई आदरणीय विनय जी।
सादर नमस्कार। मुझे आपके कार्टून बहुत अच्छे संदेश वाहक लगे।मेरा यह प्रस्ताव स्वीकार कर कृपया मुझे कार्टून बनाना प्रकाशित कराने सिखाईयेगा और कार्टूनिस्ट गुरूजन से यहाँ और फेसबुक पर जोड़ दीजिए। मुझे बहुत से आईडियाज आते हैं, मेरा मन कार्टून बनाने को होता है।बनाने का तरीका, काग़ज़, ब्रश, पेन्सिल, शीट, साईज, कलर के प्रकार ,नेट व पत्रिका मे छपवाने के सही तरीके बताईयेगा
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
Vinay Kull's Comments
Comment Wall (201 comments)
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online
करते भगवान के सृजन का अपमान
कुदरत विरुद्ध चलने में रखते हैं शान
अपने माँ बाप का करते नहीं सम्मान
उपदेश देते गीता का बनते प्रज्ञा वान
जानवर से बदतर यहाँ रहते हैं इंसान
शक्ल से सुंदर पर मन में बसा शैतान
नारी का सम्मान हो, त्यागें जो अभिमान।
जीवन ये खुशहाल हो, बढ़ता बुद्धि ज्ञान।।
तो एक हाइकू हो जाए
महंगा तेल
राहें बड़ी मुश्किल
सस्ता सहारा
अल बगदादी के प्रशिक्षण का असर अब रसोई तक आ पहुंचा है। ट्रैनिंग का प्रताप है जी , बचकर रहना है जरूरी , हा हा हा हा --- बहुत कार्टून हुई है आपकी , बधाई आदरणीय विनय कुल जी।
सेकंड हैंड सम्मान और थर्ड क्लास साहित्यकार , वाह ! लाज़वाब ! बधाई !
लालू यादव एंड संस के तरे उद्धार ता होइबे करी। बहुत ही उम्दा व्यंग हुआ है यहां। बधाई !
" दाल रोटी खाओ और प्रभु के गुण गाओ " एक समय ये भी हुआ करता था की दाल रोटी गरीबों के गुजरे का साधन था ,लेकिन आज की महंगाई ने दाल खाने को भी चाँद पाने की तमन्ना में बदल दी है। मर्म और कटाक्ष दोनों के तीर आपने साथ ही चलाये है इस कार्टून के जरिये। बंदा देखकर न हँस पाये न रो पाये। बधाई आदरणीय विनय जी।
ई डांडिया से तो राम ही अब बचाये। हा हा हा हा , बहुत खूब !!! बधाई आपको आदरणीय विनय जी।
हा हा हा हा ........प्याज की महक को तरसती जनता का हाल- ऐ- दिल की बहुत खूब प्रस्तुति हुई है ।बधाई
सदस्य कार्यकारिणीrajesh kumari said…
हाहाहा .....सामयिक प्याज वाला कार्टून मजेदार लगा बधाई आपको आ० विनय कुल जी
सदस्य कार्यकारिणीrajesh kumari said…
वाह्ह्ह मैगी कार्टून बहुत मस्त है और ब्लेक कमांडो का भी बहुत बहुत बधाई.
Welcome to
Open Books Online
Sign Up
or Sign In
कृपया ध्यान दे...
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
6-Download OBO Android App Here
हिन्दी टाइप
देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...
साधन - 1
साधन - 2
Latest Blogs
केवल तुमको प्यार लिखूँ(गीत-२२) - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
ग़ज़ल (गर आपकी ज़ुबान हो तलवार की तरह)
अहसास की ग़ज़ल:मनोज अहसास
तुम ना आया करो ख्वाब मे
पतझड़ से मत घबराना मन (गीत- २१)- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
गज़ल ः
कविता: "एक वज़ह"
आलेख - माँ की देखभाल औलाद की नैतिक जिम्मेदारी
ग़ज़ल - मेरे घर आज आ रहा है कोई
बरसों बाद मनायें होली(गीत-२०)-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
ग़ज़ल नूर की- नहीं जो था होना वो सब हो रहा है
लघुकथा : पीठ का दाग (गणेश बाग़ी)
ममता ......(लघुकथा )
मैं रोना चाहता हूँ
तुम मुझसे पहले जैसा प्यार नहीं करते
गीत(१९)- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
हम तुम तो ऐसे ना थे
सब खैरियत
इस जीवन में कहाँ मिलेगा( गीत-(१८)- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
गज़ल
Latest Activity
केवल तुमको प्यार लिखूँ(गीत-२२) - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"