For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वो आगे जाते रहे, हम पीछे जाते रहे - डॉo विजय शंकर

दुनियाँ में लोग
मन की गति से
अरमान पूरे करते रहे ,
जो चाहा उसे
हासिल करते रहे ,
हम हसरतों को
दबाने , मन मारने ,
के हुनर सिखाते रहे।
जो है उसे पाने में
वो जिंदगी पाते रहे ,
हम उसी को मिथ्या
और भ्रम बताते रहे।
वो गति औ प्रगति गाते रहे
हम सद्गति को गुनगुनाते रहे ,
वो आगे जाते रहे ,
हम पीछे जाते रहे ,
वो देश को सोने
जैसा बनाते रहे ,
हम देश को सोने की
चिड़िया बताते रहे ,
लोग उल्लुओं को
पास आने नहीं देते
हम हर गुलिस्तां
उल्लुओं से सजाते रहे ||

मौलिक एवं अप्रकाशित.
डा० विजय शंकर

Views: 527

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on March 19, 2015 at 9:09pm

वाह वाह वाह आदरणीय डॉ विजय शंकर सर, क्या खूब लिखा है, दमदार और असरदार व्यंग्य हुआ है. छोटी मगर बेहद असरदार कविता . नमन इस प्रस्तुति पर ...

Comment by Dr. Vijai Shanker on March 19, 2015 at 9:02pm
आदरणीय श्याम मठपाल जी , आपको कविता अच्छी लगी , अच्छा लगा। आपने सही कहा " हक़ीक़त को समर्पित व्यंग " . आपकी प्रशस्ति एवं बधाई हेतु ह्रदय से आभार एवं धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on March 19, 2015 at 9:00pm
आदरणीय गिरिराज भंडारी जी , आपको कविता अच्छी लगी , अच्छा लगा। आपकी प्रशस्ति एवं बधाई हेतु ह्रदय से आभार एवं धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on March 19, 2015 at 8:57pm
आदरणीय कृष्ण मिश्रा जी , आपकी प्रशस्ति एवं बधाई हेतु ह्रदय से आभार एवं धन्यवाद , सादर।
Comment by Dr. Vijai Shanker on March 19, 2015 at 8:56pm
आदरणीय श्याम नारायण वर्मा जी , आपकी शुभ बधाई हेतु ह्रदय से आभार एवं धन्यवाद , सादर।
Comment by Shyam Mathpal on March 19, 2015 at 7:50pm

 आ. डा० विजय शंकर  जी,

व्यंग संदेश  हकीकत को समर्पित सुंदर रचना. हार्दिक बधाई


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 19, 2015 at 6:59pm

बहुत सुन्दर कविता की रचना की है , आदरणीय विजय भाई , आपको हार्दिक बधाइयाँ ॥

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on March 19, 2015 at 3:50pm

वो गति औ प्रगति गाते रहे
हम सद्गति को गुनगुनाते रहे

एक और उम्दा कविता पर ढेरों बधाईयां आदरणीय vijai shanker जी!!

Comment by Shyam Narain Verma on March 19, 2015 at 11:05am
इस सुंदर प्रस्तुति के लिए तहे दिल बधाई सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service