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ग़ज़ल (बह्र -फेलुन) यह ग़ज़ल दुनिया की सबसे छोटी ग़ज़ल है। इसे "गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स" में शामिल किया गया है ।

*जीवन
उलझन ।

* सूने
आँगन ।

* घर-घर
अनबन ।

* उजड़े
गुलशन ।

* खोया
बचपन ।

*भटका
यौवन ।

* झूठे
अनशन ।

* ख़ाली
बरतन ।

* सहमी
धड़कन ।

.
मौलिक और अप्रकाशित ।

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Comment by Mohammed Arif on September 25, 2017 at 7:56am
आदरणीय विजय निकोर जी ग़ज़ल की सराहना और हौसला अफज़ाई का बहुत-बहुत आभार ।
Comment by Mohammed Arif on September 25, 2017 at 7:54am
आदरणीय विजय शंकर जी आदाब, यह सब आपकी दुआओं का नतीजा है । ग़ज़ल की सरहना और हौसला अफज़ाई का बहुत-बहुत शुक्रिया ।
Comment by नाथ सोनांचली on September 25, 2017 at 4:29am
जनाब मोहम्मद आरिफ भाई जी सादर अभिवादन, मुझे भी रात में लॉगिन करते ही यह ख़ुसी का पता चला।
आपको मेरे जानिब से मुबारक़बाद, मेरी दुआ है आप आगे भी यूँ ही का़मयाब होते रहें.
Comment by vijay nikore on September 25, 2017 at 4:17am

बहुत ही प्रबल प्रवाह.. थोड़े शब्दों में गहराई .. अत: बार-बार पढ़ी। हार्दिक बधाई, भाई मोहम्मद आरिफ़ जी।

Comment by Dr. Vijai Shanker on September 25, 2017 at 1:46am
आदरणीय मोहम्मद आरिफ जी , बहुत बहुत हार्दिक बधाई इस उच्च सफलता एवं ख्याति के लिए। सादर।
Comment by Mohammed Arif on September 24, 2017 at 11:20pm
आदरणीया कल्पना भट्ट जी आदाब, ग़ज़ल की सराहना और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत-बहुत शुक्रिया । यह सब आपकी दुआआओं का सुखद परिणाम है ।
Comment by Mohammed Arif on September 24, 2017 at 11:18pm
बहुत-बहुत शुक्रिया जनाब सलीम रज़ा साहब । यह सब आपकी दुआआओं का नतीजा है।
Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on September 24, 2017 at 10:26pm

वाह गज़ब की ग़ज़ल वो भी इतनी छोटी बह्र की  , बेहद ख़ुशी की बात है यह तो कि इस ग़ज़ल को Golden Books of world Record-2017 से प्रमाण पत्र आपको मिल चूका है | आदरणीय समर भाई जी ने मुझे दिखाया , आपको बहुत बहुत बधाई आदरणीय मोहम्मद आरिफ साहब | यह आपकी लगन और मेहनत का ही नतीजा है  | आगे के लिए भी आपको ढेरों शुभकामनाये |

Comment by SALIM RAZA REWA on September 24, 2017 at 10:08pm
जनाब मोहम्मद आरिफ साहिब,
आपको मेरे जानिब से मुबारक़बाद, मेरी दुआ है आप आगे भी यूँ ही का़मयाब होते रहें.
Comment by Mohammed Arif on September 24, 2017 at 7:42pm
बहुत-बहुत आभार आदरणीय अशोक रक्ताले जी । यह सब आप गुणीजनों की दुआआओं का नतीजा है । आप लोगों से ही मुझे प्रेरणा मिलती है ।

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