For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"नूतन-वर्ष "-कविता /अर्पणा शर्मा

उँगलियों पर रहे थिरकती,  

लेखा-जोखा समय का रखती,  

देखो वो चली, विदा ले चली,  

हाथ हिलाते, हँसते-मुस्काते,  

ये बारह माहों की गिनती,

तीन सौ पैंसठ दिनों का सफर,

खत्म कर पकड़ेगी, इक कोरी-नई ड़गर,

इसके नए पन्नों पर होगी ,

अब लिखी इक इबारत नई,

छोड़ अनेकों पीछे, अनेकों साथ जोड़ते,

देखो वो आई, आ ही चली,

इक नूतन बारह माहों की गिनती,

समय-प्रवाह थपेड़े में ,

जीवनयात्रा के रेले में,

इक वर्ष और कम होगा,

कुछ और होंगे नवल सुख ,

कुछ और अलग गम होगा,

होंगी नई उमंगें और आशाएँ नई,

देखो वो खड़ी, दस्तक देने आ चली,

ये नूतन बारह माहों की गिनती,

छोड़ विगत, वर्तमान सँवारें,

आगत के सहर्ष पाँव पखारें,

सर्वत्र सुख, समृद्धि, शांति हो,

प्रार्थनाएं में यूँ नित उच्चारें,

नूतन ओज-उल्लासों से,

सत् -कामनाओं की भर गठरी,  

लो पुलकित ह्रदयों पर छा चली,

नूतन  बारह माहों की गिनती,

शुभ हो ,असीम मंगलमय,

शत्-शत् अभिनंदन यह करती...!!

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 631

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 4, 2018 at 8:15am

आ. अपर्णा जी, सुंदर रचना के लिए हार्दिक बधाई ।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on January 3, 2018 at 10:41pm

वाह वाह सुन्दर भावभरी कविता..हार्दिक बधाई

Comment by Samar kabeer on January 2, 2018 at 5:44pm

मोहतरमा अर्पणा शर्मा जी आदाब,नव वर्ष के स्वागत में बढ़िया रचना हुई है,बधाई स्वीकार करें ।

Comment by pratibha pande on January 1, 2018 at 6:10pm

बहुत सुन्दर रचना नूतन वर्ष  के स्वागत मे , बधाई व नववर्ष की शुभकामनाएँ प्रिय अर्पणा जी

Comment by Mohammed Arif on January 1, 2018 at 2:07pm

आदरणीया अपर्णा जी आदाब,

                    नववर्ष के आगमन और बीते वर्ष के आरोह-अवरोह को दर्शाती बेहतरीन रचना । हार्दिक बधाई स्वीकार करें । नववर्ष की असीम मंगल कामनाएँ ।

Comment by नाथ सोनांचली on January 1, 2018 at 1:55pm

आद0 अर्पणा शर्मा जी सादर अभिवादन। बेहतरीन सृजन। पूरा लेखा जोखा कह दी आपने, बहुत बहुत बधाई आपको

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on January 1, 2018 at 12:52am

नव वर्ष मंगलमय हो। बहुत बढ़िया सृजन। हार्दिक बधाई आदरणीया अपर्णा शर्मा जी।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
17 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
yesterday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
Thursday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service