For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सूत्र और सूत्रधार (लघुकथा)/शेख़ शहज़ाद उस्मानी

"छोटा सा काम हो या बड़ा, छोटा लक्ष्य हो या बड़ा; कुछ हासिल करने के लिए सबसे पहले सूत्र चाहिए, जुगाड़ चाहिए, बस!"
"हां, सूत्र से सूत्र मिलते हैं, कड़ी से कड़ी जुड़ती है, तभी मंज़िल का रास्ता तय होता है!"
इन दोनों की बातें सुनकर तीसरे व्यक्ति ने कहा- "लेकिन मेरे तो यही सूत्र हैं कि लातों के भूत बातों से नहीं मानते, इसकी टोपी उसके सर और उंगली पकड़कर कर पौंछा पकड़ना!"
यह सुनकर चौथा व्यक्ति अपना सीना तान कर खड़ा हुआ और बोला- "इनमें मेरी सफलता के सूत्र भी जोड़ दो। छोटा हो या बड़ा; चपरासी हो या अफ़सर, उसकी कमियों को पकड़ कर शुरू से ही उस पर हावी हो जाओ। ज़रूरत होने पर जूती भी चाटो या पहनाओ और बहुत ज़रूरी हो जाये, तो जूते भी बरसाओ!"
"बिल्कुल सही! जब सब अपने साथ ऐसा ही कर रहे हैं तो हम क्यों न करें!" सब साथी एक सुर में बोले।
"जंज़ीरों और उनकी कड़ियों की परिभाषाएं बदल चुकी हैं!" उनमें से एक ने धीरे से कहा।
(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 836

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by vijay nikore on September 25, 2017 at 4:19am

बहुत खूबसूरत लघुकथा कही है। हार्दिक बधाई, आदरणीय शेख शज़ाद उस्मानी जी।

Comment by Dr. Vijai Shanker on September 25, 2017 at 2:16am
आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी , जीवन में काम निकालने के सूत्र ( फार्मूले ) बदलते रहते हैं पर इस प्रकार की स्थिति , बातें एवं तर्क शिक्षा और संस्कार दोनों का अभाव संकेतित करता है। सुन्दर प्रस्तुति के लिए बधाई , सादर।
Comment by SALIM RAZA REWA on September 24, 2017 at 12:09pm
जनाब शेख शहज़ाद उस्मानी साहब आदाब,
मुहावरों से सजी बेहतरीन लघुकथा के लिए मुबारक़बाद,
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on September 24, 2017 at 11:01am
रचना पर त्वरित टिप्पणी, अनुमोदन व हौसला अफज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहब।
Comment by Mohammed Arif on September 24, 2017 at 10:58am
आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी आदाब, अच्छा कथानक,बेहतरीन तंज़ कसा आपने । बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
12 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति,उत्साहवर्धन और स्नेह के लिए आभार। आपका मार्गदर्शन…"
13 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ भाई , ' गाली ' जैसी कठिन रदीफ़ को आपने जिस खूबसूरती से निभाया है , काबिले…"
14 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील भाई , अच्छे दोहों की रचना की है आपने , हार्दिक बधाई स्वीकार करें "
14 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है , दिल से बधाई स्वीकार करें "
14 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , खूब सूरत मतल्ले के साथ , अच्छी ग़ज़ल कही है , हार्दिक  बधाई स्वीकार…"
14 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल  के शेर पर आपकी विस्तृत प्रतिक्रिया देख मन को सुकून मिला , आपको मेरे कुछ…"
14 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपसे मिले अनुमोदन हेतु आभार"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service