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कब तक मूर्ख बनाएगा (गीतिका/ग़ज़ल 'राज')

2222 2222 ,2222 222

यह  भी खाया वह  भी खाया ,कब तक खाता जाएगा 

एक दिवस तो उगलेगा सब ,कब तक पेट पचाएगा 

 

अपनी ढपली अपना दुखड़ा ,कब तक राग सुनाएगा 

यह  करता हूँ वह करता हूँ ,कब तक ढोल बजाएगा 

 

झूठी बातों झूठे वादों ,से कब तक बहलाएगा 

परख रही है जनता तुझको,कब तक मूर्ख बनाएगा

 

शेर खड़े हैं  दरवाजे पर,छुपकर तू बैठा चूहे 

हिम्मत है तो बाहर आजा,कब तक नाक कटवाएगा 

 

सरहद अपनी जाग रही है ,नजरें तेरी हरकत पर

एक कदम  आगे तू आया,सीधा ऊपर जाएगा   

 

अपनी हद में खूब दहाड़ा,भागा पर  गीदड़ बनकर     

भूल गया इतिहास पुराना,फिर से मुंह की खाएगा 

 

डूब रहा दूजा कोई तू ,हँसता देख किनारे पर 

तेरे दुख में कौन भला कल ,अपना हाथ बढ़ाएगा

 

रिश्ते बनते सदियों में हैं , पल में मत तुम खत्म करो 

आज अगर ये उलझ गए कल, कौन पुनः सुलझाएगा 

 

 धन दौलत का लालच मत कर,साथ नहीं कुछ जाना है 

 खाली हाथ ही आया था तू , खाली हाथ ही जाएगा

मौलिक एवं अप्रकाशित   

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Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on August 1, 2017 at 11:47am

आ. राजेश दी , सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई स्वीकारें।

Comment by Samar kabeer on August 1, 2017 at 11:06am
'नाक कटाएगा'में ऐब-ए-तनाफ़ुर है ।
Comment by surender insan on August 1, 2017 at 9:35am
आदरणीय राजेश कुमारी जी बहुत ही बढ़िया ग़ज़ल की दिली मुबारक़बाद कबूल करे जी। सभी अशआर बढ़िया हुए है जी। आदरणीया नाक कटाएगा में दोनों क निभ जायेंगे या यह दोष होगा इस पर आप या अन्य गुणीजन रौशनी डाले जी ताकि मैं इस बारे में समझ सकूँ जी। सादर नमन जी।
Comment by Gurpreet Singh jammu on August 1, 2017 at 9:25am

आदरणीया राजेश कुमारी जी,,बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई है,, मतला विशेषकर बहुत दिलचस्प और मज़ेदार लगा 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on July 31, 2017 at 8:08pm
बड़ी ही उम्दा ग़ज़ल हुई आदरणीया..सादर
Comment by Samar kabeer on July 31, 2017 at 6:29pm
बहना राजेश कुमारी जी आदाब,बह्र-ए-'मीर'में अच्छी ग़ज़ल हुई है,शैर दर शैर दाद के साथ मुबारकबफ पेश करता हूँ ।

'ख़ाली हाथों ही आया था,ख़ाली हाथों जाएगा'
इस मिसरे में 'ख़ाली हाथ आना,और ख़ाली हाथ जाना'मुहावरा है, इसलिये ये मिसरा यूँ होना चाहिए:-
'ख़ाली हाथ ही आया था तू,ख़ाली हाथ ही जाएगा'
Comment by khursheed khairadi on July 31, 2017 at 12:10pm
लाज़वाब ग़ज़ल आदरणीया, बहुत बहुत बधाई । सादर ।
Comment by khursheed khairadi on July 31, 2017 at 12:09pm
लाज़वाब ग़ज़ल आदरणीया, बहुत बहुत बधाई । सादर ।
Comment by khursheed khairadi on July 31, 2017 at 12:09pm
लाज़वाब ग़ज़ल आदरणीया, बहुत बहुत बधाई । सादर ।

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