For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

एक चौथा बन्दर भी है
जिसने हटवा दिए हैं हाथ
उन तीनों बन्दरों के
आँख, कान और मुँह से
अब
वो सुन सकते हैं
बोल सकते हैं
देख सकते हैं
वह सब
जो चौथा बन्दर
सुनता है
बोलता है
देखता है
साथ ही
तीनों बन्दर
लगे हैं अपने जैसे
और भी बन्दर बनाने में
जो वही सुनें
वही बोलें
वही देखें
जो चौथा बन्दर
चाहता है
और जब
कोई बन्दर
कर देता है इंकार
उन तीनों जैसा
बनने से
तो वो तीनों बन्दर
उसकी पूँछ पकड़ कर
रखवा देते हैं उसका हाथ
उसी की आँख
कान
और मुँह पर!

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 854

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Mahendra Kumar on December 7, 2016 at 9:07am
रचना को पसंद करने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी। सादर।
Comment by Mahendra Kumar on December 7, 2016 at 9:05am
हार्दिक आभार आदरणीय डॉ. गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी। सादर।
Comment by Mahendra Kumar on December 7, 2016 at 9:04am
बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीया कल्पना भट्ट जी। सादर।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on December 6, 2016 at 11:06pm
अद्भुत वाह चौथे बंदर की क्या खूब टांग पकड़ी है आपने समसामयिक स्थिति को क्या खूब शब्द प्रदान किए हैं आदरणीय आप की कविता पढ़कर मुग्ध हूं। इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई स्वीकार करें सादर
Comment by Samar kabeer on December 6, 2016 at 8:31pm
जनाब महेन्द्र कुमार जी आदाब,बहुत उम्दा और सार्थक कविता लिखी अपने,इस प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।
आपकी कविता पढ़ कर मुझे कुछ दिन पहले जनाब योगराज प्रभाकर साहिब द्वारा लिखित लघुकथा "चौथा बन्दर" याद आ गई ।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on December 6, 2016 at 7:12pm
बहुत बढ़िया यथार्थ पूर्ण समसामयिक परिदृश्य पर रचना हेतु सादर हार्दिक बधाई आपको आदरणीय महेन्द्र कुमार जी।
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 6, 2016 at 5:46pm

वाह महेंद्र कुमार जी . नयी दृष्टि  सराहनीय है ,

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on December 6, 2016 at 5:42pm
चौथा बन्दर है बड़ा शानदार। आदरणीय बहुत सुन्दर रचना हुई है । हार्दिक बधाई ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . लक्ष्य

दोहा सप्तक. . . . . लक्ष्यकैसे क्यों को  छोड़  कर, करते रहो  प्रयास । लक्ष्य  भेद  का मंत्र है, मन …See More
1 hour ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज जी, ओबीओ के प्रधान संपादक हैं और हम सब के सम्माननीय और आदरणीय हैं। उन्होंने जो भी…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय अमीरुद्दीन साहब, आपने जो सुझाव बताए हैं वे वस्तुतः गजल को लेकर आपकी समृद्ध समझ और आपके…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सुशील भाई , दोहों के लिए आपको हार्दिक बधाई , आदरणीय सौरभ भाई जी की सलाहों कर ध्यान…"
2 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । "
3 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ।... मतले पर…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" जी आदाब अच्छी ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ, कुछ सुझाव पेश…"
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"ऐसे😁😁"
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"अरे, ये तो कमाल  हो गया.. "
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय नीलेश भाई, पहले तो ये बताइए, ओबीओ पर टिप्पणी करने में आपने इमोजी कैसे इंफ्यूज की ? हम कई बार…"
17 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपके फैन इंतज़ार में बूढे हो गए हुज़ूर  😜"
17 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service