For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लोकतंत्र में
लोक नहीं होता
होता है
तो सिर्फ तंत्र
जो करता है शासन
पूँजीपतियों के लिए
नेताओं के द्वारा
नौकरशाहों से मिल
मीडिया के साथ
जनता के नाम से
जनता के ऊपर
न्याय
स्वतंत्रता
समता
और व्यक्ति की
गरिमा का
चेहरा लगा कर
लोकतंत्र में
लोक नहीं होता
होता है
तो सिर्फ तंत्र!

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 668

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Mahendra Kumar on December 7, 2016 at 9:03am
आपका हार्दिक आभार आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी। सादर।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on December 6, 2016 at 7:26pm
वर्तमान परिदृश्य पर सार्थक सटीक रचना के लिए बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीय महेन्द्र कुमार जी।
Comment by Mahendra Kumar on December 6, 2016 at 9:42am
हार्दिक आभार आदरणीय विजय निकोर जी। सादर।
Comment by vijay nikore on December 6, 2016 at 7:37am

सुन्दर अभिव्यक्ति। बधाई।

Comment by Mahendra Kumar on December 5, 2016 at 6:36pm
हार्दिक आभार आदरणीय डॉ. गोपाल नारायन जी। सादर।
Comment by Mahendra Kumar on December 5, 2016 at 6:35pm
बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय लक्ष्मण रामानुज जी। सादर।
Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 5, 2016 at 3:24pm

सुन्दर कथन . 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on December 5, 2016 at 1:11pm

लोक तंत्र लोक से शुरू होकर तंत्र पर आपका लोक को० छोड़ देता है और तंत्र मन्त्र की सत्ता लोक पर काबिज हो जाती है | सुंदर और सामयिक प्रस्तुति के लिए बधाई श्री महेंद्र कुमार जी 

Comment by Mahendra Kumar on December 5, 2016 at 5:19am
बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय मिथिलेश सर, सादर।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on December 4, 2016 at 10:27pm

आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, बहुत ही सार्थक और सामयिक प्रस्तुति. हार्दिक बधाई. सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय सौरभ सर, मैं इस क़ाबिल तो नहीं... ये आपकी ज़र्रा नवाज़ी है। सादर। "
1 hour ago
Sushil Sarna commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय जी  इस दिलकश ग़ज़ल के लिए दिल से मुबारकबाद सर"
1 hour ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज जी सृजन आपकी मनोहारी प्रतिक्रिया और सुझाव  का दिल से आभार । प्रयास रहेगा पालना…"
1 hour ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान और सुझाव देने का दिल से आभार । भविष्य के लिए  अवगत…"
1 hour ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आदरणीय  अशोक रक्ताले जी सृजन को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार । बहुत सुन्दर सुझाव…"
1 hour ago
Nilesh Shevgaonkar commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आ. शिज्जू भाई,एक लम्बे अंतराल के बाद आपकी ग़ज़ल पढ़ रहा हूँ..बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है.मैं देखता हूँ तुझे…"
4 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . लक्ष्य

दोहा सप्तक. . . . . लक्ष्यकैसे क्यों को  छोड़  कर, करते रहो  प्रयास । लक्ष्य  भेद  का मंत्र है, मन …See More
6 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज जी, ओबीओ के प्रधान संपादक हैं और हम सब के सम्माननीय और आदरणीय हैं। उन्होंने जो भी…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय अमीरुद्दीन साहब, आपने जो सुझाव बताए हैं वे वस्तुतः गजल को लेकर आपकी समृद्ध समझ और आपके…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय सुशील भाई , दोहों के लिए आपको हार्दिक बधाई , आदरणीय सौरभ भाई जी की सलाहों कर ध्यान…"
7 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । "
8 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय शिज्जू शकूर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
8 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service