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बेखुदी_______मनोज कुमार अहसास

ज़िन्दगी में गीत सारे दिल जलाने को लिखे
या फिर अपने इश्क़ को ही आज़माने को लिखे

बेखुदी में लिख दिया तेरे नाम का पहला हरुफ़
जाने कितने नाम फिर तुझको छिपाने को लिखे
(या)
बेखुदी में लिख दिया मेरे नाम का पहला हरुफ़
जाने कितने नाम फिर मुझको छिपाने को लिखे

और हमारी बेबसी का एक वाक्या ये भी है
हमने तुझको ख़त भी तो तुझसे छिपाने को लिखे

जिसने ये लिखकर दिया उम्मीद पर कायम है सब
वो घडी मिलने की भी अब दिल बचाने को लिखे

हम इसी दुनिया है और तू इसी दुनिया में है
चल नई दुनिया की बातें तुझ को पाने को लिखे

मौलिक और अप्रकाशित

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Comment

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Comment by मनोज अहसास on May 12, 2015 at 1:57pm
आदरणीय डॉ साहब एवं आदरणीय गिरिराज सर आपकी बड़ी कृपा है
बहर और मात्रा गणना अभी ठीक तरह नहीं समझ हूँ
हो सकता है आपके सानिध्य में भविष्य में सीख जाऊ
सादर
Comment by Dr. Vijai Shanker on May 12, 2015 at 9:51am
आदरणीय मनोज कुमार जी ग़ज़ल के लिए बधाई.

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 12, 2015 at 9:42am

आदरणीय मनोज भाई , अच्छी गज़ल कही है आपको हार्दिक बधाइयाँ । आदरणीय समर भाई जी ने बहुत सुन्दर इस्लाह किया है , आप ज़रूर खयाल कीजियेगा ॥ इस मंच बाक़ी गज़ल कहने वालों की तरह आप भी गज़ल की बहर ( मात्रा क्रम ) लिख दिया कीजिये , ताकि सीखने वालों को आसानी हो , समझने,  कहने में ॥

Comment by मनोज अहसास on May 11, 2015 at 8:28pm
मै दिल से आपका शुक्रिया अदा करता हूँ कबीर साहब
आप मुझ पर ध्यान देते है ये बड़ी इनायत है आपकी
आपसे निवेदन है कृपिया ऎसे ही इस्लाह की मेहरबानी करते रहे
मुझे कुछ पता नहीं है
बस दिल की बेचैनी लिख दिया करता हूँ
आपसे एक निवेदन ये भी है मेरी दो तीन ग़ज़ल और भी ब्लॉग पर कृपिया उन्हें भी देखकर निर्देश दे दे
शुक्रिया
मेहरबानी
इनायत
सादर
Comment by Samar kabeer on May 11, 2015 at 6:51pm
जनाब मनोज कुमार अहसास जी ,आदाब,बहुत ही ख़ूबसूरत ग़ज़ल कही है आपने ,शैर दर शैर दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाऐं ।

तीन मिसरों की तरफ आपका ध्यान आकर्षित करना चाहूँगा :-

(1)"बेखुदी में लिख दिया तेरे नाम का पहला हरुफ़"

इस मिसरे में "हरूफ़" बहुवचन है ,यह मिसरा इस तरह लिखेंगे तो ठीक रहेगा :-

:- "बेख़ुदी में लिख दिया था हर्फ़ तेरे नाम का"

(2) "और हमारी बेबसी का एक वाक्या ये भी है"

ये मिसरा इस तरह कर लें तो ठीक रहेगा :-

"और हमारी बेबसी का एक क़िस्सा ये भी है"

(3) "हम इसी दुनिया है और तू इसी दुनिया में है"

इस मिसरे को इस तरह लिखेंगे तो ठीक होगा :-

"हम भी इस दुनिया में हैं और तू भी इस दुनिया में है"

प्रयास करते रहें ,एक दिन आप बहुत अच्छा लिखने लगेंगे ,कृपया अन्यथा न लें ।

कृपया ध्यान दे...

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