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आजकल हँसता हंसाता कौन है

२१२२...२१२२...२१२.

फाइलातुन फाइलातुन फाइलुन ..

=====================

आजकल हँसता हंसाता कौन है

गम छुपा के मुस्कराता कौन है !!

हम ज़माने पे यकीं कैसे करें,

आज कल सच-सच बताता कौन है.!!

उलझनों में भी हैं कुछ नादानियाँ,

याद बचपन की भुलाता कौन है !!

जब मिलूँगा तो शिकायत भी करू

इसलिए मुझको बुलाता कौन है!!

दो घडी की बात है ये ज़िन्दगी,

ज़िन्दगी भर को निभाता कौन है.!!

हार है या जीत है इस खेल में,

छोड़ कर मैदान जाता कौन है !!

(मौलिक एवं अप्रकाशित )

** आलोक **

मथुरा

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प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on November 27, 2014 at 12:17pm

//जब मिलूँगा तो शिकायत भी करू
इसलिए मुझको बुलाता कौन है!!//

वाह वाह -बहुत खूब आ० अलोक मित्तल जी, बढ़िया ग़ज़ल कही है.बधाई स्वीकारें।

Comment by Alok Mittal on November 26, 2014 at 1:38pm

आदरणीय Ketan Kamaal जी...आपका सुझाव बहुत अच्छा है ...आपके सुझाव के लिए आपका हार्दिक आभार ....

Comment by Shyam Narain Verma on November 26, 2014 at 9:57am

बहुत सुंदर गज़ल। बधाई।

Comment by Hari Prakash Dubey on November 26, 2014 at 2:15am

.हार है या जीत है इस खेल में,

छोड़ कर मैदान जाता कौन है !!

  बहुत सुन्दर ..हार्दिक बधाई अलोक जी !

Comment by ram shiromani pathak on November 25, 2014 at 8:11pm
मित्तल साहब ज़ोरदार कहन।।हार्दिक बधाई
Comment by somesh kumar on November 25, 2014 at 7:30pm

दुसरे और तीसरे से'र के लिए विशेष बधाई 

Comment by Alok Mittal on November 25, 2014 at 6:17pm

आदरणीय rajesh kumari जी.....आपका तहे दिल से शुक्रिया मेरा हौसला बढाने का |

Comment by Alok Mittal on November 25, 2014 at 6:10pm

आदरणीय laxman dhami जी....आपका बहुत बहुत शुक्रिया मेरा हौसला बढाने के लिए !

Comment by Alok Mittal on November 25, 2014 at 6:06pm

आदरणीय Dr. Vijai Shanker जी.....आपका बहुत बहुत आभार मेरा हौसला बढाने के लिए !

Comment by Chhaya Shukla on November 25, 2014 at 5:55pm

अच्छी गज़ल है बधाई आपको आलोक जी

कृपया ध्यान दे...

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