For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

२१२२/ २१२२/२१२२/२१२ 
.
जाने कितने ग़म उठाता हूँ ख़ुशी के नाम पर,
ज़हर मै पीता रहा हूँ तिश्नगी के नाम पर.
.

ऐ सिकंदर!! जंग तूने जो लड़ी, कुछ भी नहीं,
जंग तो मै लड़ रहा हूँ ज़िन्दगी के नाम पर.
.

अधखिली कलियों की बू ख़ुद लूटता है बागबाँ,
शर्म सी आने लगी है आदमी के नाम पर.
.

शुक्रिया उस शख्स का जिसने बना डाली शराब,
दिल की बाते लब से निकली बेख़ुदी के नाम पर.
.

आँखे अपनी भेज कर कुछ बादलो की शक्ल में,
इक समंदर रो पड़ा सूखी नदी के नाम पर.
.

ज़ह्नो दिल पर चढ़ रहा है इक कसैला ज़ायका,
गो निंबोली चख रहे हों दोस्ती के नाम पर. 
.
निलेश "नूर"

मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 799

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Nilesh Shevgaonkar on September 7, 2014 at 9:00pm

शुक्रिया आ. राम शिरोमणि पाठक जी ...दिल से 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on September 7, 2014 at 8:59pm

शुक्रिया आ. डॉ. गोपाल नारायण जी .... आपने इतनी दाद दी है कि शुक्रिया हमने के लिए मेरे शब्द भी बौने पड़ गए हैं ..
बहुत बहुत धन्यवाद 
सादर 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on September 7, 2014 at 8:58pm

धन्यवाद आ. शिज्जू भाई ..ग़ज़ल आपको पसंद आई ये जानकर हौसला मिला ..
सादर 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on September 7, 2014 at 8:57pm

बहुत बहुत धन्यवाद आ. वंदना जी 

Comment by Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' on September 7, 2014 at 8:46pm

हर बंद कमाल का। साधुवाद 'नूर' साहब 

Comment by Sulabh Agnihotri on September 7, 2014 at 6:11pm

आँखे अपनी भेज कर कुछ बादलो की शक्ल में, 
इक समंदर रो पड़ा सूखी नदी के नाम पर.

बहुत सुंदर बात है, नीलेश जी बधाई !

Comment by gumnaam pithoragarhi on September 7, 2014 at 5:45pm

.वाह क्या बात है ,,,,,,,,,,,,,
खूबसूरत गजल के लिए आपको हार्दिक बधाई, सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 7, 2014 at 5:22pm

आदरणीय नीलेश भाई , बहुत बढ़िया ग़ज़ल कही है , पूरी ग़ज़ल के लिए बधाइयाँ |

Comment by Dr Ashutosh Mishra on September 7, 2014 at 5:10pm

ऐ सिकंदर!! जंग तूने जो लड़ी, कुछ भी नहीं,
जंग तो मै लड़ रहा हूँ ज़िन्दगी के नाम पर.............वाह क्या बात है 

शुक्रिया उस शख्स का जिसने बना डाली शराब, 
दिल की बाते लब से निकली बेख़ुदी के नाम पर....क्या खोज है बेहतरीन 

आँखे अपनी भेज कर कुछ बादलो की शक्ल में, 
इक समंदर रो पड़ा सूखी नदी के नाम पर.,,,,बेहद पसंद आया ...आदरणीय नूर जी ..कमाल की इस ग़ज़ल पर मेरी तरफ से ढेरों बधाई आपको सादर 

Comment by annapurna bajpai on September 7, 2014 at 4:52pm


अधखिली कलियों की बू ख़ुद लूटता है बागबाँ, 
शर्म सी आने लगी है आदमी के नाम पर.......................वाह बहुत सुंदर अहसास , खूबसूरत गजल के लिए आपको हार्दिक बधाई, सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service