For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हाथी हाथ से नहीं ठेला जाता (लघुकथा)

''मिश्रा जी, बेटी का बाप दुनिया का सबसे लाचार इंसान होता है. आपको कोई कमी नहीं, थोड़ी कृपा करें, मेरा उद्धार कर दें. बेटी सबकी होती है.' कहते-कहते दिवाकर जी रूआंसे हो गए । मिश्रा जी का दिल पसीज गया ।

अगले वर्ष घटक द्वार पर आए तो दिवाकर जी कह रहे थे

''अजी लड़के में क्‍या गुण नहीं है, सरकारी नौकर है. ठीक है हमें कुछ नहीं चाहिए, पर स्‍टेटस भी तो मेनटेन करना है. हाथी हाथ से थोड़े ना ठेला जाता है. चलिए 18 लाख में आपके लिए कनसिडर कर देते हैं और बरात का खर्चा-पानी दे दीजिएगा, और क्‍या. बेटी आपकी है जैसे चाहे संवारें या एक जोड़ी कपड़े में विदा कर दें.. हमें कोई आपत्ति नहीं ''

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

राजेश 'मृदु'

Views: 1076

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on December 17, 2013 at 4:01pm

सुन्दर लघु कथा है आ० राजेश जी 

 

सादर शुभकामनाएं इस सुन्दर सार्थक प्रस्तुति पर 

Comment by vijay nikore on December 17, 2013 at 12:53pm

इस अच्छी लघु कथा के लिए आपको बधाई, आदरणीय राजेश जी।

Comment by umesh katara on December 17, 2013 at 11:08am

आज की बिडम्बना का सही चित्रण

Comment by वीनस केसरी on December 17, 2013 at 3:17am

सुन्दर लघुकथा है ...
शुरुआत में ज़रा सा स्पष्टता चाहिए

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on December 17, 2013 at 12:56am

न जाने यह स्वार्थ  किस रूप में अपने पांव पसारे हुए है, आजकल तो सीधे-सीधे पढाई का खर्चा भी माँगा जा रहा है, साथ में बहु कम पढ़ी लिखी, गाँव की  भी चलेगी ताकि घर में नोकरों की तरह काम करवा सकें, भाई !  दिवाकर जी ने ही तो बच्चे पालकर बड़े किये है, बाकि सबके बच्चो ने तो अवतार लिया है, बहुत बढ़िया लघुकथा आदरणीय राजेश जी, हार्दिक बधाई स्वीकारें

Comment by कल्पना रामानी on December 16, 2013 at 11:47pm

वाह वाह!! चित भी इनकी और पट भी इनकी...अफसोस कि युग बदलने के बाद भी कोई बदलाव नहीं आया

शब्दों  को सुंदरता से उकेरने के लिए आपको हार्दिक बधाई आदरणीय राजेश जी

Comment by ram shiromani pathak on December 16, 2013 at 11:09pm

इ तो लोलुपता कि पराकाष्ठा है  भाई जी, सुन्दर लघुकथा हार्दिक बधाई आपको। .........  सादर 

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on December 16, 2013 at 7:27pm

कन्या के पिता  के रूप में घिघियाना और उसी व्यक्ति का वर के पिता के रूप में दहाड़ना आम बात है। इधर जितना हो सके बचाओ और मौका आने पर उधर से जितना हो सके कमाओ। राजेश भाई लघु कथा की बधाई ॥ 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 16, 2013 at 6:30pm

आदरणीय राजेश भाई , दहेज प्रथा पर बहुत सुन्दर लघु कथा कही है ॥ ये बीमारी खत्म नही हुई है , लेने का ढंग बदल गया है ॥ आपको बहुत बधाई ॥

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on December 16, 2013 at 5:54pm

मृदु जी

बहुत अच्छा कंसीडरेशन  है i आपको  शुभ कामनाये i

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Friday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service