For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

है हंसी रात बस चले आओ 

बहके जज़्बात बस चले आओ !

        

उसने वादा किया वफ़ा देंगे

दे रहा घात बस चले आओ !

ज़िन्दगी हो गई है आवारा

क्या सवालात बस चले आओ !

ठन्डे पानी मे भी बदन जलता

क्या ये बरसात बस चले आओ !

"म“ञ्जरी" अब सहा नही जाता 

अरज़े हालात बस चले आओ !

अप्रकाशित एवम मौलिक रचना  !

Views: 724

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on September 8, 2013 at 12:00am

उसने वादा किया वफ़ा देंगे

दे रहा घात बस चले आओ !

ज़िन्दगी हो गई है आवारा

क्या सवालात बस चले आओ !

आदरणीया मंजरी जी ...आज के समय के दर्द को समेटे ...और प्रेम को प्रधानता देते आह्वान करते ...बस चले आओ ...अच्छी गजल

आभार

भ्रमर ५
प्रतापगढ़

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on September 5, 2013 at 3:13am

ज़िन्दगी हो गई है आवारा

क्या सवालात बस चले आओ !........वाह! बहुत खूब, यह शेर पसंद आया

बेहद शानदार गजल, बधाई स्वीकारें आदरणीया मंजरी जी

Comment by मोहन बेगोवाल on September 4, 2013 at 10:56pm

 आदरनीया मंजरी जी,

गजल बहुत शानदार हे  ,मुझे ये शेर बहुत अच्छा लगा -बधाई हो 

Comment by बृजेश नीरज on September 4, 2013 at 7:13pm

अच्छी रचना हुई है। आपको हार्दिक बधाई!

Comment by राजेश 'मृदु' on September 4, 2013 at 5:49pm

सुंदर, सरल एवं मधुर प्रस्‍तुति के लिए हार्दिक बधाई । बहके जज्‍बात से चले आओ - इस तरह से कोई गजल लिखी जा सकती है क्‍या, जानना चाहता हूं, सादर

Comment by Dr Ashutosh Mishra on September 4, 2013 at 4:41pm

आदेर्नीया मंजरी जी ..सरल शब्दों में भावभरी ग़ज़ल ..एक बिरहनी के बिरह का सजीव चित्रण करती ग़ज़ल /....आपको हार्दिक बधाई 

Comment by कवि - राज बुन्दॆली on September 4, 2013 at 3:44pm

वाह्ह्ह्ह्ह वाह्ह्ह वाह्ह्ह मंजरी दीदी ,,,शानदार गज़ल ,,,क्या बात है,,,आपको अनेकानेक बधाइयाँ

Comment by vijay nikore on September 4, 2013 at 1:06pm

सरलता इस गज़ल की खूबी है। बहुत अच्छी लगी। शत-शत बधाई।

सादर,

विजय निकोर

Comment by Shyam Narain Verma on September 4, 2013 at 10:17am
बहुत ही सुन्दर! हार्दिक बधाई आपको!

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 4, 2013 at 8:59am

मंजरी जी ग़ज़ल बहुत अच्छी लगी दाद कबूलें |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service