For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नेताजी (मुक्तक - बहर 2122×4)

आज तेइस जनवरी है याद नेताजी की कर लें,
हिन्द की आज़ाद सैना की दिलों में याद भर लें,
खून तुम मुझको अगर दो तो मैं आज़ादी तुम्हें दूँ,
इस अमर ललकार को सब हिन्दवासी उर में धर लें।

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 539

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 26, 2017 at 8:29pm

आदरनीय वासुदेव भाई , सही समय मे सही प्रस्तुति के लिये आपको हार्दिक बधाई । आ. समर भाई जी की बातों का ख्याल कीजियेगा ।

Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on January 26, 2017 at 1:13pm
आ0 मिथिलेश जी आपका हार्दिक आभार।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 25, 2017 at 7:06pm

आदरणीय बासुदेव अग्रवाल 'नमन'जी, नेता जी सुभाष चंद्र बोस को समर्पित बहुत बढ़िया मुक्तक लिखा है आपने, इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर 

वैसे यह कथन "तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा" प्रसिद्द है. सादर  

Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on January 25, 2017 at 1:53pm
आ0 समर साहिब बहुत आभार। आपकी प्रतिक्रिया से हरबार कुछ नया सीखने को मिलता है। तुझे को तुम्हें कर दिया गया है।
Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on January 25, 2017 at 1:51pm
आ0 मोहम्मद आरिफ साहिब बहुत बहुत आभार।
Comment by Samar kabeer on January 24, 2017 at 2:26pm
जनाब बासुदेव अग्रवाल 'नमन'जी आदाब,नेता जी सुभाष चंद्र बोस को समर्पित अच्छा मुक्तक लिखा,बधाई स्वीकार करें ।
मुक्तक की तीसरी पंक्ति देखिये:-
'खून तुम मुझको अगर दो, तो में आज़ादी तुझे दूँ'
इस पंक्ति में 'तुम' और 'तुझे' ?
Comment by Mohammed Arif on January 23, 2017 at 5:24pm
आदरणीय वासुदेवजी, नमस्कार ! बेहतरीन देश भक्तिंं मुक्तक के लिए बधाई ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service