२२१२ २२११ २२१ १२२
अब हाले दिल ये उनको सुनाना ही पड़ेगा
लगता है अपने ओंठ हिलाना ही पड़ेगा
छत पे खड़े हैं आज वो ऊंचे मकान की
इस जिस्म में अब पंख लगाना ही पड़ेगा
लौटे हैं कितने रिंद उन्हें मान के पत्थर
जल्वा- ग़ज़ल का उनको दिखाना ही पड़ेगा
छुप छुप के देखें आह भरें होगा न हमसे
नजरों के तीखे तीर चलाना ही पड़ेगा
ग़ज़लों पे रखिये आप यकी आज भी अपनी
जलता हुआ दिल ले उन्हें आना ही पड़ेगा
जिस दौर में ओंठो पे यकी होता नहीं है
उसमे जिगर भी चीर दिखाना ही पड़ेगा
मौलिक व अप्रकाशित
Comment
जिस दौर में ओंठो पे यकी होता नहीं है
उसमे जिगर भी चीर दिखाना ही पड़ेगा ,,,कमाल की पंक्तियाँ वाह !!आपको हार्दिक बधाई आ.आशुतोष जी |
आदरणीय आशुतोष जी
बहुत दिन बाद आपकी रचना से भेंट हुयी i बड़ी मुकम्मिल रचना है i
ग़ज़लों पे रखिये अपनी यकी आज भी अपनी ---इसमें दो बार अपनी का प्रयोग खटकता है -- क्या ऐसा चल सकता है --गजलो पे रखिये अपना यकी आज भी उतना ------------------------ सादर i
बहुत सुन्दर ग़ज़ल! आपको हार्दिक बधाई! |
जिस दौर में ओंठो पे यकी होता नहीं है
उसमे जिगर भी चीर दिखाना ही पड़ेगा...
सुन्दर!..
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online