For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अब न कोई जंग हारा कीजिये

2122 2122 212
अब न कोई जंग हारा कीजिये ।।
अब बुलन्दी पर सितारा कीजिये ।

चाहिए गर कामयाबी इश्क़ में ।
रात दिन चेहरा निहारा कीजिये ।।

चाँद को ला दूं जमी पर आज ही ।
आप मुझको इक इशारा कीजिये ।।

बेखुदी में कह दिया होगा कभी ।
बात दिल मे मत उतारा कीजिये ।।

पालिये उम्मीद मत सरकार से ।
जो मिले उसमे गुजारा कीजिये ।।

ले लिए हैं वोट सारे आपने ।
काम भी कुछ तो हमारा कीजिये ।।

अब मुकर जाते हैं अपने, देखकर ।
अब खुदा का ही सहारा कीजिये ।।

दे रहीं हैं कुछ गवाही झुर्रियां ।
ज़ुल्फ़ इतनी मत सँवारा कीजिये ।।

गर बुढापे में जवां दिल की तलाश ।
हुस्न का भी इक नज़ारा कीजिये ।।

आपकी फितरत से भी वाकिफ हैं हम ।
शेखियाँ मत यूँ बघारा कीजिये ।।

हो गया है इश्क़ तो दिल में रहें ।
इस तरह तो मत किनारा कीजिये ।।

नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित

Views: 748

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Gurpreet Singh jammu on December 1, 2017 at 3:36pm

आदरणीय नवीन मनी त्रिपाठी जी ,, बहुत ही शानदार ग़ज़ल कही है आपने ,,, दिल से बधाई आपको 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 1, 2017 at 2:02pm

सुंदर

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on December 1, 2017 at 1:50pm

सुंदर

Comment by Ramkunwar Choudhary on December 1, 2017 at 9:38am
बहुत खूब आदरणीय
Comment by Naveen Mani Tripathi on November 30, 2017 at 10:29pm
आ0 कल्पना भट्ट जी सादर आभार
Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on November 29, 2017 at 9:29pm

बढ़िया ग़ज़ल कही है आपने आदरणीय, बधाई स्वीकारें|

Comment by Naveen Mani Tripathi on November 29, 2017 at 5:25pm
भाई मनोज जी सप्रेम आभार
Comment by Naveen Mani Tripathi on November 29, 2017 at 5:23pm
शुक्रिया आ0 मनोज कुमार श्रीवास्तव जी
Comment by Manoj kumar shrivastava on November 29, 2017 at 8:22am

आदरणीय नवीन मणि त्रिपाठी जी, अनेक पड़ावों को सुंदर ढंग से पार करती हुइ रचना। हार्दिक बधाई स्वीकार करें।

Comment by Naveen Mani Tripathi on November 29, 2017 at 2:26am
आ0 कबीर सर सादर नमन । हार्दिक आभार । आपकी इस्लाह किसी दिन मुझे भी कामयाब कर देगी ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार.…"
21 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय मिथिलेश जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय से आभार.…"
22 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
25 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"    प्रस्तुति की सराहना हेतु हृदय से आभार आदरणीय मिथिलेश जी. सादर "
26 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"उसके वादे उस पर भारी। लाख  करे  चाहे   तैयारी। कहता है कुछ, कुछ है देता। क्या…"
32 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुशील सरना जी प्रदत्त चित्र पर बहुत सुन्दर मुकरियाँ। हार्दिक बधाई आदरणीय सुशील सरना जी"
35 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी प्रदत्त चित्रानुसार बहुत सुन्दर मुकरियों का सृजन हुआ है, हार्दिक बधाई स्वीकारें"
41 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार।सादर"
44 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"मेरे कहे को मान देने के लिए हार्दिक आभार। सादर"
45 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"सोच समझ सब पर छा जाए। शांत चित्त को नजर लगाए। वो छीने जीवन की सुविधा। क्या सखि साजन! ना सखि…"
45 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मिथिलेश जी इस प्रयास की सराहना और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार "
1 hour ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी कह मुकरियों पर किए गए इस प्रयास पर आपकी उपस्थित और मार्गदर्शन के लिए  हार्दिक…"
1 hour ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service