For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

1222 1222 1222 1222
तुम्हारे जश्न से पहले धमाका हो भी सकता है ।
ये हिंदुस्तान है प्यारे तमाशा हो भी सकता है ।।

अभी मत मुस्कुराओ आप इतना मुतमइन होकर ।
चुनावों में कोई लम्बा खुलासा हो भी सकता है ।।

ये माना आप ने हक़ पर लगा रक्खी है पाबन्दी ।
है मुझमें इल्म गर जिंदा गुजारा हो भी सकता है ।।

मिटा देने की कोशिश कर मगर वो जात ऊंची है ।
खुदा को रोक ले उसका सहारा हो भी सकता है ।।

न मारो लात पेटों पर यहां भूखे सवर्णो के ।
कभी सरकार पर उनका निशाना हो भी सकता है ।।

बहुत वादे हुए हैं अब नजर बारीकियों पे है ।
ये लॉलीपॉप से चलता ज़माना हो भी सकता है ।।

तरसता है यहां टेलेंट अब रोटी भी है मुश्किल ।
सुलगती आग का वो अब निवाला हो भी सकता है ।।

अभी तो वक्त है करके दिखाओ आप कुछ साहब ।
चमन में आपका कायम ये जलवा हो भी सकता है ।।

--नवीन मणि त्रिपाठी

Views: 510

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on December 1, 2017 at 9:01pm
'कभी सरकार पर उनका निशाना हो भी सकता है'

'सुलगती आग का यारो निवाला हो भी सकता है'

'अभी तो वक्त है करके दिखाओ काम कुछ साहिब'
Comment by Naveen Mani Tripathi on December 1, 2017 at 6:34pm
आ0 कबीर सर नमन । क्या तेरी सरकार की जगह मिली सरकार कर लूं ।
Comment by Samar kabeer on December 1, 2017 at 5:38pm
जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई,बधाई स्वीकार करें ।
पांचवें शैर में शुतरगुर्बा दोष है ।
'सुलगती अर्ग़ का वोभी निवाला हो भी सकता है'
इस मिसरे में 'भी'शब्द दो बार ख़ल रहा है ।
Comment by Ramkunwar Choudhary on December 1, 2017 at 9:30am
अच्छे भाव हैं आदरणीय

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
4 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
4 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
21 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
21 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service