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मुख-शशि उज्ज्वल औ' धनु-भौहें

सरसी छंद

शिल्प-16,11 पर यति, चार चरण और दो पद, पदांत में गुरु-लघु।

भाव शब्द-कल गुरु लघु यति का, रखकर समुचित ध्यान।
दोहा तोटक रोला सरसी, रचिये छंद सुजान।।1।।

सोलह ग्यारह पर यति प्रति पद, गुरु-लघु पद के अंत।
चार चरण दो पद का सरसी, गायें सुर-नर-संत।।2।।

मुख-शशि उज्ज्वल औ' धनु-भौहें, तिरछे नैन-कटार।
हाय! डसें लट-अहि केशों के, हिय पर बारम्बार।।3।।

अरुण अधर-कोमल किसलय नव, दृग-मद पूर्ण तड़ाग।
यौवन-पुष्प खिला ज्यों लेकर घट भर मधुर पराग।।4।।

तेरी पायल की छम-छम में, वह जीवन संगीत।
छेड़ हृदय के तार जगाये, मन में पावन प्रीत।।5।।

हाय! चली बलखाकर गोरी, ज्यों मदमस्त गयंद।
पीछे भ्रमित भ्रमर पीने को, अधरों के मकरंद।।6।।

करके घायल नैनों से क्यों, लूट लिया हिय चैन।
बावरिया बन दिन भर भटकूँ, जाग बिताऊँ रैन।।7।।

शिक्षा से ही हो सकता है, उन्नत सकल समाज।
यह ही मूल प्रगति का जिससे, सुधरे कल औ' आज।।8।।

बचपन समय सुहाना सुखकर, खुशियों से भरपूर।
स्वार्थ द्वेष मद छल प्रपंच से, रहता है नित दूर।।9।।

मात-पिता की सेवा में है, हर तीरथ हर धाम।
स्नेह मान-सम्मान इन्हें दें, हर दिन सुबहो शाम।।10।।

मौलिक एवं अप्रकाशित
-रामबली गुप्ता

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Comment by नाथ सोनांचली on November 16, 2017 at 4:22am
बहुत ही सुंदर,बहुत ही उम्दा,बहुत ही सरस छःन्द सरसी लिखा आपने आद0 रामबली जी,बहुत बहुत बधाई इस प्रस्तुति पर। सादर
Comment by Kalipad Prasad Mandal on November 15, 2017 at 8:15pm

आ रामबली गुप्ता जी, सरसी छंद में बहुत खुबसूरत रचना के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें 

Comment by रामबली गुप्ता on November 14, 2017 at 10:35pm
हार्दिक आभार आदरणीय विजय निकोरे जी
Comment by रामबली गुप्ता on November 14, 2017 at 10:34pm
प्रोत्साहन और सराहना के लिए हृदय से आभार आदरणीय बृजेश कुमार जी
Comment by रामबली गुप्ता on November 14, 2017 at 10:32pm
हार्दिक आभार आदरणीय आरिफ़ जी
Comment by vijay nikore on November 14, 2017 at 7:23pm

बहुत ही सुन्दर छंद ! हार्दिक बधाई, आदरणीय रामबली गुप्ता जी।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on November 14, 2017 at 1:01pm
अद्भुत आदरणीय बहुत ही सरस..सभी चरण एक बढ़ के एक
मुख-शशि उज्ज्वल औ' धनु-भौहें, तिरछे नैन-कटार।
हाय! डसें लट-अहि केशों के, हिय पर बारम्बार...वाह क्या बात है..सुन्दरतम
Comment by रामबली गुप्ता on November 14, 2017 at 7:42am
बहुत बहुत आभार आदरणीय छोटेलाल सिंह जी
Comment by रामबली गुप्ता on November 14, 2017 at 7:42am
हार्दिक आभार आदरणीय समर भाई साहब
Comment by रामबली गुप्ता on November 14, 2017 at 7:41am
सादर आभार आदरणीय सलीम भाई साहब

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