For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नवसृजन कर हम बनाएँ,

एक भारत श्रेष्ठ भारत

 

काम हो हर हाथ को,

ख़त्म हो बेरोजगारी.

हो न शोषण बालकों का,

और हो भय मुक्त नारी.

आचरण में भ्रष्टता से,

मुक्त हो अपनी सियासत.

 

शांति के हम दूत बनकर,

विश्व में सम्मान पाएँ.

रख सदा करुणा ह्रदय में,

प्रेम की सत्ता चलाएँ.

 

एकता के सूत्र में बंध,

हम करें इसकी हिफाजत.

 

हो सियाचिन या मरुस्थल,

हों सुरक्षित सरहदें सब.

मिट सके आतंक जड़ से,

हों ह्रदय से कोशिशें अब.

 

देशद्रोही दुश्मनों को,

हो न कोई भी रियायत.

 

ज्ञान में  विज्ञान में अब,

हो न कोई तोड़ अपना .

हर युवा इंजीनियर का,

हो यहाँ साकार सपना.

 

हो मिसाइल, संगणक हो,

विश्व में हों एक ताकत.

(मौलिक और अप्रकाशित)  

Views: 527

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बसंत कुमार शर्मा on July 17, 2017 at 4:04pm

आदरणीय  Hari Prakash Dubey  जी आपका दिल से शुक्रिया 

Comment by Hari Prakash Dubey on July 16, 2017 at 6:44pm

एक सुन्दर कामना लिए हुए सुन्दर रचना बधाई आ. बसंत कुमार शर्मा जी ! सादर 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on July 13, 2017 at 10:09am

आदरणीय Mahendra Kumar  जी आपका दिल से शुक्रिया 

Comment by Mahendra Kumar on July 12, 2017 at 8:21pm

बढ़िया प्रस्तुति है आ. बसंत जी. हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. सादर.

Comment by बसंत कुमार शर्मा on July 12, 2017 at 9:29am

आदरणीय  सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप' जी आपका ह्रदय से आभार 

Comment by नाथ सोनांचली on July 11, 2017 at 10:42pm
आद0 बसन्त कुमार शर्मा जी आदाब,इस सुंदर प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
Comment by बसंत कुमार शर्मा on July 11, 2017 at 7:41pm

आदरणीय Mohammed Arif जी , आदरणीय Sushil Sarna जी एवं आदरणीय Samar kabeer जी आपकी हौसला अफजाई के लिए ह्रदय से शुक्रिया. सादर नमन 

Comment by Samar kabeer on July 11, 2017 at 7:10pm
जनाब बसन्त कुमार शर्मा जी आदाब,इस सुंदर प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Sushil Sarna on July 11, 2017 at 2:20pm

आदरणीय बसंत कुमार जी वर्तमान के सन्दर्भ में सुंदर,सार्थक और आशावादी प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई सर। 

Comment by Mohammed Arif on July 11, 2017 at 2:14pm
आदरणीय बसंत कुमार शर्मा जी आदाब, आशावादी दृष्टिकोण को प्रदर्शित करती बेहतरीन कविता । हार्दिक बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय मिथिलेश भाई, रचनाओं पर आपकी आमद रचनाकर्म के प्रति आश्वस्त करती है.  लिखा-कहा समीचीन और…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ सर, गाली की रदीफ और ये काफिया। क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस शानदार प्रस्तुति हेतु…"
18 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .इसरार

दोहा पंचक. . . .  इसरारलब से लब का फासला, दिल को नहीं कबूल ।उल्फत में चलते नहीं, अश्कों भरे उसूल…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आयोजन में सहभागिता को प्राथमिकता देते…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरना जी इस भावपूर्ण प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। प्रदत्त विषय को सार्थक करती बहुत…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त विषय अनुरूप इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। गीत के स्थायी…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपकी भाव-विह्वल करती प्रस्तुति ने नम कर दिया. यह सच है, संततियों की अस्मिता…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आधुनिक जीवन के परिप्रेक्ष्य में माता के दायित्व और उसके ममत्व का बखान प्रस्तुत रचना में ऊभर करा…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश भाई, पटल के आयोजनों में आपकी शारद सहभागिता सदा ही प्रभावी हुआ करती…"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ   .... बताओ नतुम कहाँ होमाँ दीवारों मेंस्याह रातों मेंअकेली बातों मेंआंसूओं…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ की नहीं धरा कोई तुलना है  माँ तो माँ है, देवी होती है ! माँ जननी है सब कुछ देती…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service