For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ज़हनो-दिल ख़ामोश है औ’ हर नज़र दीवार पर

दोस्तों चुनाव के दौरान की ग़ज़ल है, विलम्ब से पोस्ट कर रहा हूँ

ज़हनो-दिल ख़ामोश है  औ’ हर नज़र दीवार पर 
क्या इलेक्शन चीज़ है उतरा नगर दीवार पर

या कोई हो आला लीडर या गली का शेर खां 
हर किसी  दिख रही अपनी लहर दीवार पर

इस  इलेक्शन में खड़ा है ऐसा भी उम्मीदवार
जिसने लटकाया कई सर काटकर दीवार पर

भोंकने लगता है 'शेरू' क्या पता किस बात पर
देखते ही मोहतरम का पोस्टर दीवार पर

बस चुनावी रंग में रंगे हैं ये नक्शो-निगार
और सारे रंग लगते बेअसर दीवार पर

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 478

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 3, 2014 at 12:15pm

ग़ज़ल में कई जगह भाषा-व्याकरण दोष उभर आया है. एक बारी फिर से देख लें.

सादर

Comment by बृजेश नीरज on May 28, 2014 at 9:54pm

अच्छी ग़ज़ल है. आपको बधाई!

//हर किसी  दिख रही अपनी लहर दीवार पर//... इस मिसरे में तो व्याकरण का दोष प्रतीत हो रहा है! आपका मार्गदर्शन मेरे लिए सहायक होगा.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 28, 2014 at 5:41pm

आदरनीय सुशील भाई , इलेक्शन का खूब रंग बिखेरा है आपने , गज़ल के लिये बधाइयाँ ॥

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on May 27, 2014 at 11:22am

सारे रंग लगते बेअसर दीवार पर  i सुन्दर i बधाई i

Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 26, 2014 at 4:23pm

हर किसी दिख रही अपनी लहर दीवार पर
यहाँ बहर टूट रही सी है ऐसा मुझे लगे कृपया देख लेवें
लटकाया सर की जगह शायद लटकाए सर होना चाहिए ..ये सिर्फ मेरी व्यक्तिगत राइ है अन्यथा न लीजियेगा सादर

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on May 26, 2014 at 3:13pm

इस इलेक्शन में खड़ा है ऐसा भी उम्मीदवार
जिसने लटकाया कई सर काटकर दीवार पर
भोंकने लगता है 'शेरू' क्या पता किस बात पर
देखते ही मोहतरम का पोस्टर दीवार पर
न जाने कब ये सब बदल पायेगा क्या कोई मसीहा आएगा
भ्रमर ५

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
7 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
8 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
9 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service