For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लक्ष्मण रामानुज लडीवाला's Blog – April 2012 Archive (7)

क्षणिकाएँ

माधुर्य

(वाणी का माधुर्य)

वाणी का माधुर्य-

देता है जीवन को विस्तार 

जहाँ प्रेम है

वहां लेन-देन नहीं है

देना ही देना है

कोई व्यापार नहीं है |

.…

Continue

Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 27, 2012 at 4:00pm — 6 Comments

माँ की महिमा

मोहपाश

माँ की महिमा

माँ नहीं तो न घर न गाँव है 

माँ ही ममता की छाँव…

Continue

Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 16, 2012 at 10:08am — 6 Comments

सात जनम का सपना

आप में ही है यह सलीका,
जो कपडे भी- 
सहेजकर रखते हो |
एक थे मंत्री-
दिन में चार बार बदलते थे 
पत्रकार की नजर में आगये 
उनके दिन फिरगए-
मंत्री पद से चले गए…
Continue

Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 12, 2012 at 7:00pm — 5 Comments

एक आश्वासन भक्त का

मुझे सुनाई दी, बोली

मुझसे मेरी आत्मा बोली

पढ़ले पहले तू वेद, पुराण

या कुरान कलमां|

मै बैठा हूँ –

गिरजाघर और मंदिरों में, 

मिल जाएँगी परछाई-

गुरुद्वारों औ मस्जिदों में: 

कण कण में, ख्वाईशो में,

इश्क की फरमाईशो मे

प्यार दिल से करों तो –

मै मिलूंगा सोहणी-महिवाल में 

सच मानो मै मिलूँगा –

हीर-राँझा…

Continue

Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 10, 2012 at 11:30am — 2 Comments

प्रेम

प्रेम

 
प्रेम तो नयनो में ही बसते है
 

प्रेम नयनो से ही बरसता है 


नयनो नयनों में प्रेम होता है…
Continue

Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 5, 2012 at 12:28pm — 5 Comments

जिस गंगा की

जिस गंगा की 


हिमालय से कल-कल करती -
निरंतर बहती निर्मल  धारा
पवित्र गंगा-जल, वह मुक्ति धारा
मिलती कृषक को जिससे पवन माटी
जो गंगा मृतक अस्थियाँ भी…
Continue

Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 5, 2012 at 10:52am — 5 Comments

बंजारा

बंजारा लोगो की कैसी भी हो किस्मत 

 देखी  है उनमे, गजब की हिम्मत  |
बेदखल महाराणा के काल से बनजारा 
घूमता ही  रहा है शहर शहर बेसहारा |
देख  सपरिवार बेसहारा - 
भरी सर्दी में भी, 
बच्चे रहते  नंगे…
Continue

Added by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 2, 2012 at 10:30pm — 4 Comments

Monthly Archives

2017

2016

2015

2014

2013

2012

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service