| फ़ाएलुन / फ़ाएलुन / फ़ाएलुन / फ़ाएलुन | 
| 212 // 212 // 212 // 212 | 
| मोतिओं की तरह जगमगाते रहो | 
| बुलबुलों की तरह चहचहाते… | 
Added by SALIM RAZA REWA on May 6, 2014 at 10:00pm — 19 Comments
| बेटी | 
| बेटी से खुशनुमा है ये संसार दोस्तो | 
| रौशन इसी से सारा है घर-बार दोस्तो | 
| ......... | 
| बेटी कही पे माँ कही बहना के रूप में … | 
Added by SALIM RAZA REWA on February 24, 2014 at 9:00pm — 13 Comments
| २२१ २१२१ १२२१ २१२ | 
| रिश्ते वफ़ा सब से निभाकर तो देखिए | 
| सारे जहाँ को अपना बनाकर तो देखिए | 
| इसका मिलेगे अज़्र खुदा से बहुत बड़ा | 
| भूखे को एक रोटी खिलाकर तो देखिए … | 
Added by SALIM RAZA REWA on December 18, 2013 at 9:30am — 13 Comments
मेरे महबूब कभी मिलने मिलाने आजा !
मेरी सोई हुई तक़दीर जगाने आजा !!
तेरी आमद को समझ लूँगा मुक़द्दर अपना !
रूह बनके मेरी धड़कन मे समाने आजा !!
मैं तेरे प्यार की खुश्बू से महक जाऊगा !
गुलशने दिल को मुहब्बत से सजाने आजा !!
तेरी उम्मीद लिए बैठे हैं ज़माने से !
कर के वादा जो गये थे वो निभाने आजा !!
बिन तेरे सूना है ख़्वाबो का ख़्यालो का महल !
ऐसी वीरानगी …
ContinueAdded by SALIM RAZA REWA on October 17, 2013 at 9:30am — 16 Comments
| ग़ज़ल . | 
| क्यूँ कहते हो कोई कमतर होता है ! | 
| दुनिया में इन्सान बराबर होता है ! | 
| पाकीज़ा जज़्बात है जिसके सीने में ! | 
| उसका दिल भरपूर मुनौअर होता है !… | 
Added by SALIM RAZA REWA on August 10, 2013 at 9:30am — 19 Comments
| कहीं पे चीख होगी और कहीं किलकारीयाँ होंगी ! | 
| अगर हाकिम के आगे भूख और लाचारियाँ होंगी !! | 
| अगर हर दिल में चाहत हो शराफ़त हो सदाक़त हो ! | 
| मुहब्बत का चमन होगा ख़ुशी की क्यारियाँ होंगी !!… | 
Added by SALIM RAZA REWA on April 18, 2013 at 9:30pm — 18 Comments
| ग़ज़ल | 
| मेरा मज़हब यही सिखाता है !! | 
| सारी दुनिया से मेरा… | 
Added by SALIM RAZA REWA on March 1, 2013 at 9:17pm — 6 Comments
| || ग़ज़ल || | 
| शाम आना है सुब्ह जाना है || | 
| दिल सितारों से क्या लगाना है… | 
Added by SALIM RAZA REWA on February 25, 2013 at 9:00pm — 4 Comments
                ||ग़ज़ल|
हमसफ़र तुमसा प्यारा मिले न मिले !
साथ मुझको तुम्हारा मिले न मिले !
इश्क़ का कर दे इज़हार तन्हा है वो !
ऐसा मौक़ा दुबारा मिले न मिले !
जीले खुशिओं की पतवार है हाँथ में…
ContinueAdded by SALIM RAZA REWA on February 15, 2013 at 7:00pm — 13 Comments
22 22 22 22 - 
जिस दम सूरज ढल जाएगा 
रात  का  जादू  चल जाएगा 
-
सँभल के चलना सीख लें वर्ना 
कोई  तुझको  छल  जाएगा 
-
दुनिया  का  दस्तूर  यही है… 
Added by SALIM RAZA REWA on February 3, 2013 at 10:30pm — 9 Comments
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