For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Shyam Narain Verma's Blog – April 2013 Archive (13)

नेक काम करो |

चाँद बसे आकाश में , फिर भी लगता पास |
मंजिल कितनी दूर हो , रहे मिलन की आस |
जब  ऊँची उडान भरो , दुनिया में हो  नाम | 
सब को अच्छी राह का , सदा मिले पैगाम…
Continue

Added by Shyam Narain Verma on April 30, 2013 at 12:01pm — 8 Comments

जागो भारत माँ के जवान |

जागो भारत माँ  के जवान , सीमा पर बैरी आया |
और अधिक पाने की चाहत ,  बढ़ने का राह दिखाया |  
दोस्त का दिखावा करके ही , अपना वो जाल बिछाया | 
सखा की ही नियत बिगड़ी जब , भाई को भी  भूलाया | …
Continue

Added by Shyam Narain Verma on April 29, 2013 at 3:27pm — 6 Comments

रोने धोने का काम नहीं |

दहाड़ते चलो सभी रण में ,  मारो दुश्मन को ललकार |
आगे बढ लक्ष्मी बाई सा , रोको इनका अत्याचार |
मानव ना ये दानव सा हैं , करते पशुवो सा व्यवहार |
रोने धोने का  काम नहीं , देख  करो इनका संहार | …
Continue

Added by Shyam Narain Verma on April 26, 2013 at 11:38am — 5 Comments

जय हो भारत , बस जग में |

छोड़ पाप मन का , सत पथ पर चल  , लफडा करना , अब छोडो  |
तज काम क्रोध को , छोड़ लोभ मद  , हरी भजन में  , मन जोड़ो |
लोग शिक्षा पायें , ज्ञान कमायें , प्रेम बढायें , हर जन में |
जहाँ लोग देखें , खुश हो जायें , बस ऐसे बन  , हर मन…
Continue

Added by Shyam Narain Verma on April 24, 2013 at 3:25pm — 4 Comments

बहते अश्कों ने दिल दुखाया है |

बहते अश्कों ने दिल दुखाया है |
गम की  गली में  कोई आया है |
गमगीन चेहरे की क्या कहिये   ,
किसी ने हँसते को रुलाया है |
खिला फूल मुरझाया है   अब तो ,…
Continue

Added by Shyam Narain Verma on April 23, 2013 at 5:52pm — 4 Comments

दहशत |

चलो  मुसाफिर  देख लो , कहाँ होगा गुजार |
ना दे सहारा कोई   , फिर से करो विचार |
खंजर मारें  पेट में , दूर से  मेहमान |
 देख  चिच्लाते चीखते, खुश हों  बेईमान |
अब  किस पर यकीन करे,…
Continue

Added by Shyam Narain Verma on April 20, 2013 at 3:07pm — 3 Comments

दिन अब बीते कैसे |

मेरे साजन घर ना आये , सूना सूना लागे |  
जब से छोड़ कर गये विदेश , घर में मन ना लागे |
दिन में कहीं चैन ना आये ,  रतिया बीते जागे |
उनके बिना कुछ ना सुहाये , नैनन निद्रा भागे |
आकर…
Continue

Added by Shyam Narain Verma on April 18, 2013 at 1:11pm — 3 Comments

माँ के बिना सब कुछ अधूरा |

जो जग में सब को ले आती , जननी महिमा अपरम्पार  |
जग में यदि माँ ही ना होती , चल ना पाता ये संसार |
जलचर थलचर या नभचर हो , माँ सबकी  है पालनहार |
जननी से ही ये दुनिया है , ना  तो सब कुछ है बेकार |…
Continue

Added by Shyam Narain Verma on April 17, 2013 at 11:41am — 3 Comments

धड़कन !

जिसे हमने देवता माना , सरेआम डूबा डाला |
जवानी जिस पर लूटा दिया , छोड़ शादी रचा डाला |
दिल से जिसको पूजा हमने , हमें मिट्टी बना  डाला |
कसमें वादों की…
Continue

Added by Shyam Narain Verma on April 15, 2013 at 3:00pm — 7 Comments

जान हथेली पर ले चलते , भारत माँ के वीर जवान |

जागे रहते वीर जवान | 
जान हथेली पर ले चलते , भारत माँ के वीर जवान |
देश दुनिया शांती चाहते , मेरा देश कितना  महान |
छुप छुप कर बैरी वार करें , मुश्किल में दे देते जान |
सात समुंदर…
Continue

Added by Shyam Narain Verma on April 13, 2013 at 11:43am — 9 Comments

सागर में भी तडपे मछली , जब लहरों में फँस जाये |

जाल में पडी मछली रोये -कविता |
सागर में भी तडपे मछली , जब लहरों में फँस जाये |
जाल डाले आते शिकारी , फिर उनसे कौन बचाये |
साथ  नहीं देता जब कोई , फिर आशा कौन दिलाये |
जब फँस गयी…
Continue

Added by Shyam Narain Verma on April 12, 2013 at 3:14pm — 8 Comments

सदा चैन की बंशी बजती , जब घर में खुशहाली हो |

घरनी -कविता |
सदा चैन की बंशी बजती , जब घर में खुशहाली हो | 
जंगल में मंगल हो जाता , साथ अगर घरवाली हो |
एक म्यान में दो तलवारें , चैन कहाँ मिल पायेगा |
यदि यार का दखल हो घर में ,…
Continue

Added by Shyam Narain Verma on April 10, 2013 at 11:12am — 7 Comments

किस्मत का खेल है अनोखा , कोई हँसता या रोता |

इल्जाम
किस्मत का खेल   है अनोखा , कोई हँसता या रोता  |
जब कोई इल्जाम लगाये , किसी की नाव डूबोता |
सदा नीचा दिखाये बैरी, कल बल छल हरदम ढोता | 
तड़पते देख खुश होता है ,  चैन की नींद न…
Continue

Added by Shyam Narain Verma on April 8, 2013 at 5:00pm — 3 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आयोजन में सहभागिता को प्राथमिकता देते…"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरना जी इस भावपूर्ण प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। प्रदत्त विषय को सार्थक करती बहुत…"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त विषय अनुरूप इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। गीत के स्थायी…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपकी भाव-विह्वल करती प्रस्तुति ने नम कर दिया. यह सच है, संततियों की अस्मिता…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आधुनिक जीवन के परिप्रेक्ष्य में माता के दायित्व और उसके ममत्व का बखान प्रस्तुत रचना में ऊभर करा…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश भाई, पटल के आयोजनों में आपकी शारद सहभागिता सदा ही प्रभावी हुआ करती…"
9 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ   .... बताओ नतुम कहाँ होमाँ दीवारों मेंस्याह रातों मेंअकेली बातों मेंआंसूओं…"
12 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ की नहीं धरा कोई तुलना है  माँ तो माँ है, देवी होती है ! माँ जननी है सब कुछ देती…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय विमलेश वामनकर साहब,  आपके गीत का मुखड़ा या कहूँ, स्थायी मुझे स्पष्ट नहीं हो सका,…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय, दयावान मेठानी , गीत,  आपकी रचना नहीं हो पाई, किन्तु माँ के प्रति आपके सुन्दर भाव जरूर…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय दयाराम मैठानी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service