For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जिसे हमने देवता माना , सरेआम डूबा डाला |
जवानी जिस पर लूटा दिया , छोड़ शादी रचा डाला |
दिल से जिसको पूजा हमने , हमें मिट्टी बना  डाला |
कसमें वादों की बात अलग , हमको ही भूला  डाला |
मिलकर जो सपने देखे थे , वो आज सपना ना रहा |
जब सामने से गुजरते हैं , अश्कों सिवा कुछ ना रहा |
दिन रात तड़पते रहते हैं , कोई आसरा ना रहा |
छोड़ मनमानी तलाक दिये , कसम का वास्ता ना रहा |
अब फेंका सूखे गुलाब को , नये कलियों में खो गये |
मेरे अश्कों की कीमत क्या , जब वो  किसी के हो गये |
निगाहें उन्हें ढूढती हैं , क्यों हमसे जुदा हो गये |
जो धड़कन बन कर रहते थे , वो दिल से जुदा हो गये |
देखते हैं गैरों की तरह , छोड़ जुदा ना रहते थे | 
भौरों जैसे चिपके रहते , चुपड़ी बातें करते  थे |
देख चलें अजनबी की तरह ,  दिल से सटकर रहते थे |
वर्मा अपने ही गैर हुए , जो दिल बनकर रहते थे |
श्याम नारायण वर्मा 

Views: 370

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Vindu Babu on April 16, 2013 at 10:51pm
भवपूर्ण अभिव्यकित साझा करने लिए सादर बधाई आदरणीय।
Comment by vijayashree on April 16, 2013 at 1:07pm

अंतर्मन के भाव व्यक्त करती रचना पर बधाई

Comment by Yogi Saraswat on April 16, 2013 at 11:11am
छोड़ मनमानी तलाक दिये , कसम का वास्ता ना रहा |
अब फेंका सूखे गुलाब को , नये कलियों में खो गये |
मेरे अश्कों की कीमत क्या , जब वो  किसी के हो गये |
निगाहें उन्हें ढूढती हैं , क्यों हमसे जुदा हो गये |

जो धड़कन बन कर रहते थे , वो दिल से जुदा हो गये |

दिल में उठाते तूफ़ान को सही शब्द दिए हैं आपने श्री श्याम नारायण वर्मा जी ! बधाई

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 16, 2013 at 9:55am

मन में उठते भावों से अंतर्मन में द्वन्द को अभिव्यक्त करने के लिए बधाई 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on April 16, 2013 at 9:52am

अंतर्मन के भावों की अभिव्यक्ति कर बधाई स्वीकारें 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on April 16, 2013 at 9:29am

सुन्दर भाव सम्प्रेषण पर बधाई आदरणीय, रचना में और कसावट की दरकार है । 

Comment by shalini kaushik on April 16, 2013 at 1:46am

 .भावात्मक अभिव्यक्ति ह्रदय को छू  गयी. आभार नवसंवत्सर की बहुत बहुत शुभकामनायें

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"ब्रजेश जी, आप जो कह रहें हैं सब ठीक है।    पर मुद्दा "कृष्ण" या…"
23 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
yesterday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
Sunday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Sunday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service