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LOON KARAN CHHAJER
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भारत में कब तक फटते रहेंगे बम

इस तरह से सिलसिलेवार बम फटते रहें और हम हाथ पर हाथ धरे बठे रहें यह तो हिजडापन होगा.दो दिन के लिए भारत को सेना के हवाले कर दो सब कुछ हमेशा के लिए ठीक हो जायेगा.हादसे हमारे देश में होते हैं मरते हमारे…Continue

Started Jul 16, 2011

 

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Bikaner
Native Place
gangashahar
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journalist
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friendship nature

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LOON KARAN CHHAJER's Blog

ओ मेरे पिता



देखा है मेने अपने पिता को, अपने कंधो पर मेरी स्कुल बैग टांगे,

जीवन के बोझ को बड़ी मुस्कराहट के साथ निभाते, ।

हमेशा जिसने अपने दर्द से दुनिया के दर्द को बड़ा माना

लड़ता रहा वो मजबूरो और असाहायों के लिए

सारे ग्रहों की परिभाषाओ को निष्फल होते देखा है

मेने  अपने पिता के आगे,

आज मुझ को घमंड है की  तुम हो मेरे पिता

हां जिसने मुझको दिया है अपने खून का एक कण

जो आज एक वजूद बनकर खड़ा है इसी दुनिया के लिए कुछ करने को

हां मुझको गर्व है की तुम मेरे पिता…

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Posted on December 9, 2011 at 5:30pm

माँ के हाथों की बनी जब दाल रोटी याद आई

पंचतारा होटलों की शानशौकत कुछ न भाई

बैरा निगोड़ा पूछ जाता किया जो मैंने कहा

सलाम झुक-झुक करके मन में टिप का लालच रहा

खाक छानी होटलों की चाहिए जो ना मिला

क्रोध में हो स्नेह किसका? कल्पना से दिल…

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Posted on November 24, 2011 at 6:00pm — 2 Comments

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At 7:46pm on March 22, 2013, लक्ष्मण रामानुज लडीवाला said…

आदरणीय श्री लूणकरण छाज्जर जी, आपकी मित्रता स्वीकार करते हुए मुझे बेहद ख़ुशी है | यह जानकार 

और भी ख़ुशी हुई कि आप जर्नलिस्ट है | अपने मेरी रचना पसंद कर थार एक्सप्रेस में प्रकाशन करने की 

अनुमति चाही है | यह मेरा सौभग्य है | कृपया थार एक्सप्रेस में प्रकाशन के बाद एक प्रति अवलोकनार्थ  भिजवाने की कृपा करे -

पता -

लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला, 165, गंगोत्री नगर, गोपालपुर बाईपास, टोंक रोड, जयपुर (राज) 302018

At 7:12pm on June 28, 2012, कुमार गौरव अजीतेन्दु said…
आदरणीय लून करन सर, आपने मेरी कविता को पसंद किया, आपका बहुत-बहुत आभार। मेरी अन्य कवितायोँ पर भी अपने विचार देँगे तो मुझे खुशी होगी।
At 8:20pm on February 15, 2012, Mukesh Kumar Saxena said…

श्री लून करन साहब जी मै सहर्ष अपनी कविता को थार एक्सप्रेस में छापने की स्वीकृति देता हूँ । बस मै इतना चाहंता हूँ की आप उसे मेरे फोटो सहित छापें और उसकी एक प्रति मुझे निम्न पते पर प्रेषित कर दें. और आपकी सूचनार्थ मेरा नाम मुकेश कुमार सक्सेना है न की भरत. 

  my postal address is as follows::-

SGT MUKESH KUMAR SAXENA 

MT  SECTION

AIR FORCE STATION SATWARI 

JAMMU (CANTT)  PIN 180003

At 1:39am on July 31, 2011, monika said…
At 12:43pm on July 21, 2011, PREETAM TIWARY(PREET) said…

At 6:24pm on July 16, 2011, Admin said…
 
 
 

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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
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"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
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"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
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