For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बाल साहित्य Discussions (213)

← Back to बाल साहित्य
Discussions Replies Latest Activity

बाल-कविता (सार-छंद आधारित)

मत रो अम्मा, अब जाने दो, जो होना, होने दो, चूती टूटी झुग्गी अपनी, हमें यूँ नहाने दो। गर्मी, वर्षा हो या सर्दी, करते प्रभु से अर्ज़ी, संकट…

Started by Sheikh Shahzad Usmani

3 Feb 19, 2018
Reply by Sheikh Shahzad Usmani

भूल-भुलैया (बाल-गीत) [सार छंद-आधारित] /शेख़ शहज़ाद उस्मानी

भूल-भुलैया भूल-भुलैया, विज्ञापन की दुनिया, ज़िद मत करना सब पाने की, नये सामान मुनिया। भूल-भुलैया भूल-भुलैया, मोबाइल में घुसना, खेलो-कूंदो…

Started by Sheikh Shahzad Usmani

2 Feb 19, 2018
Reply by Sheikh Shahzad Usmani

बाल कविता

      गौरैया               - उषा अवस्थी       छोटे छोटे पर फैलाकर       फुर-फुर कर वह उड़ जाती       कभी मुँडेर, कभी डाली पर        चहक-चहक…

Started by Usha Awasthi

0 Feb 12, 2018

लघुकथा

......नव वर्ष..... नव वर्ष की पूर्व सन्ध्या की पार्टी में जाने के लिए, पलाश ने, सुबह से ही अपने पिता के पीछे भुन भुन शुरू कर दी थी, "पापा,…

Started by Anagha Joglekar

1 Jan 21, 2018
Reply by Sheikh Shahzad Usmani

ग़ज़ल ( यह मासूम हैं सब की आँखों के तारे )

ग़ज़ल ( यह मासूम हैं सब की आँखों के तारे ) ---------------------------------------------------------- (फऊलन-फऊलन-फऊलन-फऊलन) यह मासूम हैं सब…

Started by Tasdiq Ahmed Khan

0 Nov 16, 2017

बाल कविता

नहीं मिठाई मोबाइल पर देनी हो तो सच्ची दो 1- जाया होता वक्त हमारा इन भ्रमजालों में पड़कर पढ़ें पाठशाला में जाएँ बुद्धि हमें तुम पक्की दो नहीं…

Started by Usha Awasthi

4 Nov 1, 2017
Reply by Usha Awasthi

गजल(पानी)

कहते हैं मुझको सब पानी मेरी भी है एक कहानी।1 दो गैसों का मेल कराता धरती को करता मैं धानी।2 जीवन का पर्याय बनूँगा बस इतनी-सी मैंने ठानी।3 खू…

Started by Manan Kumar singh

0 Aug 26, 2017

मोबाइल संस्कृति ( कथा)

सन्देश ने अपने पापा से मोबाइल की जिद्द की , उन्होंने बहुत समझाया -" बेटा , अभी तुम बहुत छोटे हो , अभी तो तुम पाँचवी में हो , अभी से मोबाइ…

Started by KALPANA BHATT ('रौनक़')

1 Aug 24, 2017
Reply by KALPANA BHATT ('रौनक़')

आलस ( कथा)

अनुष्का एक आलसी लड़की थी | लाख समझाने पर भी वह टस से मस नहीं होती थी | सुबह देर से उठना ,अपने कमरे में ही चाय दूध पीना , नाश्ता करना , और फि…

Started by KALPANA BHATT ('रौनक़')

1 Aug 24, 2017
Reply by KALPANA BHATT ('रौनक़')

गजल(कद्दू)

#गजल#(कद्दू) ^^^^^ सब्जी चाहे सूप बनाओ कद्दू खाओ, रोग भगाओ।1 कहता--सेवन कर लो साथी! दिल का रोगी मत कहलाओ।2 चाप चढ़ायेगा क्या बीपी? डाईबीटि…

Started by Manan Kumar singh

0 Jul 5, 2017

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई लक्ष्मण सिंह 'मुसाफिर' साहब! हार्दिक बधाई आपको !"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय मिथिलेश भाई, रचनाओं पर आपकी आमद रचनाकर्म के प्रति आश्वस्त करती है.  लिखा-कहा समीचीन और…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ सर, गाली की रदीफ और ये काफिया। क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस शानदार प्रस्तुति हेतु…"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .इसरार

दोहा पंचक. . . .  इसरारलब से लब का फासला, दिल को नहीं कबूल ।उल्फत में चलते नहीं, अश्कों भरे उसूल…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। आयोजन में सहभागिता को प्राथमिकता देते…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरना जी इस भावपूर्ण प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। प्रदत्त विषय को सार्थक करती बहुत…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त विषय अनुरूप इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। गीत के स्थायी…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपकी भाव-विह्वल करती प्रस्तुति ने नम कर दिया. यह सच है, संततियों की अस्मिता…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आधुनिक जीवन के परिप्रेक्ष्य में माता के दायित्व और उसके ममत्व का बखान प्रस्तुत रचना में ऊभर करा…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"आदरणीय मिथिलेश भाई, पटल के आयोजनों में आपकी शारद सहभागिता सदा ही प्रभावी हुआ करती…"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-178
"माँ   .... बताओ नतुम कहाँ होमाँ दीवारों मेंस्याह रातों मेंअकेली बातों मेंआंसूओं…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service