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गजल(मनन)अइसन मौसम आइल बा मनवा अब फगुआइल बा।1 खिल रहल बा कली गुलाबी भौंरा खूब अगराइल बा।2 टहले के मिलल तब निमन नाहीं तब गभुआइल बा।3 कर रहल मनुहार… Started by Manan Kumar singh |
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Feb 28, 2016 Reply by Manan Kumar singh |
जाड़ा बीतल,बसंत आइल (बसंत ऋतु पर भोजपुरी गीत)जाड़ा बीतल,बसंत आइल। सब प्राणी के मन हर्षाइल।। हरियर बा धरती के आँचल, सुरुज देवता अइलन माकल, सभे रजाई छोड़ के भागल, चर-फर बा,देहिया अलसाइल।… Started by जयनित कुमार मेहता |
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Feb 18, 2016 Reply by Shyam Narain Verma |
ओ, दसरथ माँझी !ओ ! दसरथ माँझी, ओ ! दसरथ माँझी जियरा तू पोढ़ कइलो दसरथ माँझी | जाना उस पार बीचे बाटै पहाड़ काटौ पाथर-गरब अपार हाथ-गोड़ लोह कइलो दसरथ माँझी… Started by Santlal Karun |
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Feb 14, 2016 Reply by Santlal Karun |
देहियाँ पे गाढ़ा चुंबनजड़ दिहला हो, रामा ! जड़ दिहला सगरौ देहियाँ पे गाढ़ा चुंबन, जड़ दिहला | हथवौ से जड़िला, नजरियौ से जड़िला बहियाँ में लइके अँकवरियौ से जड़िला अंगै… Started by Santlal Karun |
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Dec 15, 2015 Reply by Santlal Karun |
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सदस्य टीम प्रबंधन चुनावी दौर के बाद (दोहा छन्द) // --सौरभजवन चलीं हम नीक बा, तहरे बाउर चाल ! [बाउर - ग़लतराजनीति के खेल में, कूल्हि पैंतरा गाल !! … Started by Saurabh Pandey |
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Nov 13, 2015 Reply by Santlal Karun |
गजलवोटर के उद्गार भउजी कहली वोट गिरावल जाई। चलीं नेतवन के समुझावल जाई। बात बनउअल भइल बहुत अब एकनी के आज बतावल जाई। बहुते नाच नचवलख इ सब एकनी क… Started by Manan Kumar singh |
0 | Oct 11, 2015 |
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मुख्य प्रबंधक भोजपुरी गीत : शाबास बबुआबबुआ बम्बई में बंगला बनवले बा, बाबू माई के अपना बइलवले बा । टिप टाप बनके रहे दुनों रे परानी, नया युग आइल मरल अखियां के पानी, बबुआ दुधवो मे… Started by Er. Ganesh Jee "Bagi" |
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Sep 22, 2015 Reply by indravidyavachaspatitiwari |
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सदस्य टीम प्रबंधन गइल भँइसिया पानी में अब (भोजपुरी नवगीत) // --सौरभगइल भँइसिया पानी में अब कइल-धइलसब बंटाधार ! बान्हब पगहारउए ढूँसी सुखहा मोन्हे मूड़ी ठूँसीघींच-घाँच ले आईं रउआ करीं फेर सेचारा-भूँसी !परल… Started by Saurabh Pandey |
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Sep 19, 2015 Reply by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" |
उछहल मनगोरी तोहरे संगे हम तर जइबेंतूँ जो नाही मिलबू त मर जइबें तोहरे ही याद में अब जिनगी बिताइलेरोज के सपनवा में तोहरा के पाइलेटूटी जो सपना त बिख… Started by Pawan Kumar |
0 | Aug 12, 2015 |
बात बा(भोजपुरी गजल,मनन कु.सिंह)बात अब चुनाव के बरिआत के बा, सब त लूटेवाला,देखीं लुटात के बा? बात अब रह गइल बस जात के बा, देखीं ना अब उहाँ गभुआत के बा? का होइ,ना होइ,गइल ग… Started by Manan Kumar singh |
0 | Jun 1, 2015 |
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