For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पुस्तक समीक्षा Discussions (112)

← Back to पुस्तक समीक्षा
Featured Discussions

''परों को खोलते हुए'' की काव्यात्मक समीक्षा....................आदित्य चतुर्वेदी........समीक्षक

''परों को खोलते हुए'' की काव्यात्मक समीक्षा....................आदित्य चतुर्वेदी........समीक्षक //1// देखिए तीस परों को खोलते हुएअक्षर-अक्ष…

Started by aditya chaturvediLatest Reply

''छन्द काव्यामृत"...-----------------.रचनाकार- डा0 आशुतोष बाजपेयी

!!! पुस्तक समीक्षा !!! ''छन्द काव्यामृत"..... ............पारंपरिक छन्द विधाओं का परिपालन करते हुए सरस, सहज और धारा प्रवाह विचार, बोधगम्य…

Started by केवल प्रसाद 'सत्यम'Latest Reply

Discussions Replies Latest Activity

पुस्तक समीक्षा : मोहरे (उपन्यास)

समीक्षा पुस्तक   : मोहरे (उपन्यास) लेखक              : दिलीप जैन मूल्य               :  रुपये 150/- प्रकाशक           : बोधि प्रकाशन, जयपुर…

Started by Ashok Kumar Raktale

0 Feb 19, 2024

पुस्तक समीक्षा: सुर्ख़ लाल रंग (कहानी संग्रह)

पुस्तक का नाम : सुर्ख़ लाल रंग विधा: कहानी सँग्रह लेखक: विनय कुमार  प्रकाशक: अगोरा प्रकाशन  मूल्य : 499/- रु (सज़िल्द) 160 /- (अज़िल्द) प्रथम…

Started by KALPANA BHATT ('रौनक़')

1 Sep 18, 2023
Reply by विनय कुमार

पुस्तक समीक्षा : ‘कहे जैन कविराय’ (कुण्डलिया संग्रह)

रचनाकार : अशोक कुमार जैन प्रकाशक : अमोघ प्रकाशन, गुरुग्राम-122001(हरियाणा) मूल्य : रूपये १००/- मात्र.                ‘कहे जैन कविराय’ कुण…

Started by Ashok Kumar Raktale

0 Sep 30, 2022

समीक्षा : चाक पर घूमती रही मिट्टी

पुस्तक : चाक पर घुमती रही मिट्टी (ग़ज़ल संग्रह) रचनाकार : आराधना प्रसाद प्रकाशक : ग्रथ अकादमी, 19, पहली मंज़िल, 2, अंसारी रोड,दरियागंज, नई दि…

Started by Ashok Kumar Raktale

0 Jul 9, 2022

"लघुकथा कौमुदी"  -  यथार्थ और कल्पना के बीच की ज़मीन पर पनपती लघुकथाएँ. . .

"लघुकथा कौमुदी"  -  यथार्थ और कल्पना के बीच की ज़मीन पर पनपती लघुकथाएँ. . . वर्तमान में लघुकथा, साहित्य की एक ऐसी विधा बन चुकी है जिसकी कथ्…

Started by VIRENDER VEER MEHTA

0 May 1, 2022

समीक्षा -समकालीन मुकरियाँ

समीक्षा : ‘समकालीन मुकरियाँ ’ सम्पादक – त्रिलोक सिंह ठकुरेला ISBN : 978-81-95138-18-0 प्रकाशक – राजस्थानी ग्रन्थागार, जोधपुर मूल्य : रुपय…

Started by Anamika singh Ana

1 Jan 24, 2022
Reply by Ashok Kumar Raktale

समीक्षा : 'न बहुरे लोक के दिन' (नवगीत संग्रह)

‘न बहुरे लोक के दिन’ रचनाकार – अनामिका सिंह प्रकाशक – बोधि प्रकाशन, जयपुर (राज.) ISBN : 978-93-5536-091-5 मूल्य -  रूपये 250/-             …

Started by Ashok Kumar Raktale

2 Jan 14, 2022
Reply by Ashok Kumar Raktale

समीक्षा पुस्तक : दोहा-सागर

समीक्षा : दोहा-सागर रचयिता : पंकज शर्मा ‘तरुण’ प्रकाशक : उत्कर्ष प्रकाशन, 142, शाक्य पूरा, कंकर खेडा, मेरठ केंट-२५०००१, (उ.प्र.) प्रथम संस्…

Started by Ashok Kumar Raktale

0 May 1, 2020

देवभूमि के इतिहास का गौरव-पृष्ठ है –यह उपन्यास ‘चन्द्रवंशी’ ::डॉ. गोपाल नारायन श्रीवास्तव

अतीत से जुड़ना भी एक मानवीय प्रवृत्ति है I जिन साहित्यकारों को अतीत से मोह होता है वे प्रायशः भारतीय इतिहास के किसी गौरवशाली पृष्ठ को टटोलते…

Started by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

0 Dec 31, 2019

समीक्षा पुस्तक : टुकड़ा-टुकड़ा धूप (दोहा संकलन)

पुस्तक : टुकड़ा-टुकड़ा धूप (दोहा संकलन) सम्पादक : रेखा लोढ़ा ‘स्मित’ सह-सम्पादक : वीरेंद्र कुमार लोढ़ा मूल्य : रूपये 150/- मात्र प्रकाशक : बोधि…

Started by Ashok Kumar Raktale

1 May 7, 2019
Reply by Saurabh Pandey

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna posted blog posts
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

देवता क्यों दोस्त होंगे फिर भला- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Nov 2
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Nov 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Oct 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Oct 31
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
Oct 31
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
Oct 31

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
Oct 31

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
Oct 31

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
Oct 31

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service