For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-92 (विषय: रोटी)

आदरणीय साथियो,

सादर नमन।
.
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-92 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है। इस बार का विषय है 'रोटी', तो आइए इस विषय के किसी भी पहलू को कलमबंद करके एक प्रभावोत्पादक लघुकथा रचकर इस गोष्ठी को सफल बनाएँ।  
:  
"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-92
"विषय: रोटी''
अवधि : 29-11-2022 से 30-11-2022 
.
अति आवश्यक सूचना:-
1. सदस्यगण आयोजन अवधि के दौरान अपनी केवल एक लघुकथा पोस्ट कर सकते हैं।
2. रचनाकारों से निवेदन है कि अपनी रचना/ टिप्पणियाँ केवल देवनागरी फॉण्ट में टाइप कर, लेफ्ट एलाइन, काले रंग एवं नॉन बोल्ड/नॉन इटेलिक टेक्स्ट में ही पोस्ट करें।
3. टिप्पणियाँ केवल "रनिंग टेक्स्ट" में ही लिखें, १०-१५ शब्द की टिप्पणी को ३-४ पंक्तियों में विभक्त न करें। ऐसा करने से आयोजन के पन्नों की संख्या अनावश्यक रूप में बढ़ जाती है तथा "पेज जम्पिंग" की समस्या आ जाती है। 
4. एक-दो शब्द की चलताऊ टिप्पणी देने से गुरेज़ करें। ऐसी हल्की टिप्पणी मंच और रचनाकार का अपमान मानी जाती है।आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है, किन्तु बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति टिप्पणीकारों से सकारात्मकता तथा संवेदनशीलता आपेक्षित है। देखा गया कि कई साथी अपनी रचना पोस्ट करने के बाद गायब हो जाते हैं, या केवल अपनी रचना के आस पास ही मंडराते रहते हैंI कुछेक साथी दूसरों की रचना पर टिप्पणी करना तो दूर वे अपनी रचना पर आई टिप्पणियों तक की पावती देने तक से गुरेज़ करते हैंI ऐसा रवैया कतई ठीक नहींI यह रचनाकार के साथ साथ टिप्पणीकर्ता का भी अपमान हैI
5. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति तथा गलत थ्रेड में पोस्ट हुई रचना/टिप्पणी को बिना कोई कारण बताये हटाया जा सकता है। यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
6. रचना पोस्ट करते समय कोई भूमिका, अपना नाम, पता, फोन नंबर, दिनांक अथवा किसी भी प्रकार के सिम्बल/स्माइली आदि लिखने/लगाने की आवश्यकता नहीं है।
7. प्रविष्टि के अंत में मंच के नियमानुसार "मौलिक व अप्रकाशित" अवश्य लिखें।
8. आयोजन से दौरान रचना में संशोधन हेतु कोई अनुरोध स्वीकार्य न होगा। रचनाओं का संकलन आने के बाद ही संशोधन हेतु अनुरोध करें। 
.    
यदि आप किसी कारणवश अभी तक ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार से नहीं जुड़ सके है तो www.openbooksonline.com पर जाकर प्रथम बार sign up कर लें.
.
.
मंच संचालक
योगराज प्रभाकर
(प्रधान संपादक)

Views: 1928

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आद0 शेख शहज़ाद उस्मानी साहब सादर अभिवादन। आपकी प्रतिक्रिया और सुझाव का हृदयतल से स्वागत है। कोशिश करूँगा और बेहतर करने की। आयोजन के लिए अंतिम समय में किया यह जल्दबाजी में प्रयास है।

आदरणीय शेख़ जी, सादर प्रणाम ।

 मैं पूंछना चाहती हूं कि क्या संस्मरण लघुकथा के अंतर्गत आ सकते हैं ? 

सादर नमस्कार। मेरी जानकारी अनुसार गद्य में 'संस्मरण' सर्वथा एक भिन्न महत्वपूर्ण विधा है और एक पृष्ठ से लेकर अनेक पृष्ठों का आकार ले सकता है एक संस्मरण। इसी तरह एकांकी भी।  लेकिन जब लघुकथा विधा की शैली के रूप में 'संस्मरण' और 'एकांकी' आदि गद्य विधाओं को अपनाया जाये, तो वे ऐसी लघुकथा शैलियों के तहत आयेंगी जिनमें लघुकथा विधा के चरित्र, गुण, तासीर, आधारभूत तत्व, मारक क्षमता और सम्प्रेषणीयता आदि अवश्य हों और उनमें लघुकथा के लघु आकार की सीमा भी हो और कालखण्ड दोष से मुक्त हो.... । तब कहा जायेगा कि संस्मरणात्मक शैली की लघुकथा या एकांकी शैली की लघुकथा.... आदि। मैं अभी इतना ही शेअर कर सकूँगा। विस्तृत जानकारी हेतु हमें आदरणीय सर जनाब योगराज प्रभाकर जी, डॉ. चन्द्रेश कुमार छतलानी जी आदि के सोशल मीडिया या ब्लॉग पर जारी नवीन सूचनाओं, आलेखों व उदाहरणों का हमें अध्ययन करते रहना चाहिए लघुकथाओं की पुस्तकों के अलावा। एक लिंक

https://m.facebook.com/a/preferences.php?basic_site_devices=m_touch...

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid02kHo1aw4waW4G513e...

 मेरे अनुसार इस कथानक/ संस्मरण पर कुछ और काम की आवश्यकता है लघुकथा के रूप में ढलने के लिये।आपकी सहभागिता का स्वागत है आदरणीय।

आद0 प्रतिभा पांडेय जी सादर अभिवादन। आभार आपका

हार्दिक बधाई आदरणीय नाथ जी। लघुकथा का कथ्य सुन्दर चुना गया है। लेकिन निर्वाह शिथिल है। कुछ मेहनत की दरकार है।आदरणीय शेख़ शहज़ाद साहब की बात पर गौर कीजिए। सादर। 

आद0 तेजवीर सिंह जी सादर अभिवादन। हौसला अफजाई के लिए शुक्रिया

 "गुरुजी जी आपको जितना मारना है मार लीजिये लेकिन सुरेश का उदाहरण मत दीजिये।..... आह भी और वाह भी इस पंक्ति पर 

कहानी सुंदर है पर अभी बहुत कसावट की आवश्यकता प्रतीत हो रही है.... कथ्यसान्द्र करते हुए थोड़ा संक्षिप्त किया जाना चाहिए 

हार्दिक बधाई आ० नाथ सोनांचली जी 

आ. भाई नाथ सोनांचली जी, अभिवादन। अच्छी लघुकथा हुई है। हार्दिक बधाई।

खेल

____
"तो जमूरे! हो जाय खेल शुरू?"
"बिल्कुल उस्ताद, तो निकाल  पिटारे में क्या क्या है"
"ये ले!"
"ये क्या उस्ताद! स्कूल अस्पताल ! इनपर क्या खेल दिखाऊँ? किसी को मजा नहीं आयगा। रखो अन्दर"
"पर जमूरे.."
"पर क्या ? एक भी ताली बजी?"
"अच्छा ..अच्छा, ठहर..ये ले"
"क्या उस्ताद! ये क्या निकाला! सड़कें रोजगार, खेल बंद करवाओगे क्या! देखो लोग उठकर जाने लगे हैं"
"अरे नहीं जमूरे, रुक, हाँss  ये निकला"
"वाह! ये हुई ना बात! "
"तो दिखा अपना खेल जमूरे। कभी त्रिशूल हिला कभी जाली टोपी"
"अभी लो उस्ताद, देखा! देखा! कैसे  सब लोग मजा ले रहे हैं। मैने कहा था ना, इसी खेल में मजा आता है इन्हें"
"अभी एक चीज़ और बाकी है पिटारे में जमूरे, रोटी"
"बिल्कुल मत निकालना उसे। उसके पीछे तो इन्हें हमेशा ही नाचना हैं। अभी इस खेल का मजा क्यों किरकिरा कर रहे हो"
"वाह जमूरे!"
_________
मौलिक व अप्रकाशित 

सादर नमस्कार। मदारी उस्ताद और जमूरे के खेल के आकर्षक कथनोपकथन में संवादात्मक शैली में ज्वलंत मुद्दों और रोटी को उभारती और पब्लिक के दृष्टिकोण को इंगित करती विसंगतियों को सम्प्रेषित करती बढ़िया लघुकथा; गागर में सागर। हार्दिक बधाई आदरणीया प्रतिभा पाण्डेय जी। आज की सहभागी रचनाओं से गोष्ठी समृद्ध हो रही है। अन्य विभिन्न नवप्रयोग वाली रचनाओं की भी प्रतीक्षा रहेगी कल भी।

हार्दिक आभार। प्रतीक्षा है नवप्रयोग और उनपर आदरणीय योगराज जी की टिप्पणी व मार्गदर्शन का

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
7 hours ago
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
Thursday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
Thursday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service