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खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
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आदरणीय समर कबीर साहब इस नई उपलब्धि के लिए हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं
जनाब सत्यनाराण सिंह जी आदाब,आपकी मुहब्बतों के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
आदरणीय समर कबीर साहिब आपको इस अनुपम और अविस्मरणीय उपलब्धि के लिए बहुत बहुत बधाई। ऊपर वाले से प्रार्थना है की वो ऐसे ही महर बनाये रखे।
जनाब सुशील सरना जी आदाब,आपकी मुहब्बतों और दुआओं के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।
श्रद्धेय समर कबीर साहब इस सम्मान के लिए हृदयतल से बधाई स्वीकार करें।सादर।
जनाब सुरेश कुमार कल्याण जी आदाब,आपकी मुहब्बतों के लिये तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ ।

दोस्तों आज 03.03 . 2017 को अपनी विवाह की वर्षगाँठ पर अपने हमसफ़र को समर्पित भाव सुमन के कुछ अंश  :

रहे सांस जब तलक  मैं  रहूँ  साथ तेरे
इन पलकों में हों  बस  सदा  स्वप्न  तेरे
बदलते हैं मौसम तो बदलने दो इनको
पर बदलें न मौसम कभी तेरे और मेरे

सुशील

विवाह की वर्षगाँठ पर आपको सपरिवार शुभकामनाएँ, आदरणीय सुशील सरना जी. 

शुभ-शुभ

आदरणीय   Saurabh Pandey   जी आपकी शुभकामनाओं का तहे दिल से शुक्रिया। 

विवाह की वर्ष गाँठ पर बहुत बहुत मुबारकबाद आद० सुशील सरना जी हार्दिक शुभकामनाएँ |

आ. Rajesh Kumari       जी आपकी शुभकामनाओं का तहे दिल से शुक्रिया। 

आदरणीय सुशील जी शादी की सालगिरह पर आपको हार्दिक शुभकामनाएं सादर

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