For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
ADMIN
OBO

Views: 71650

Reply to This

Replies to This Discussion

आद0 बहन राजेश कुमारी जी आपको पुरस्कार की कोटिश बधाईयां

आद० सुरेन्द्र नाथ जी आपका दिल से बहुत बहुत आभार .

हार्दिक बधाई आदरणीया राजेश कुमारी जी

जन्म दिन की हार्दिक बधाई आदरणीय शशि बंसल जी।

आद० नीलम उपाध्याय जी को जन्म दिन की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ ।

धन्यवाद आदरणीय तेजवीर सिंह जी। 

हार्दिक आभार विनय जी 

जन्मदिन के शुभ अवसर पर हार्दिक बधाइयां और शुभकामनाएं आदरणीया डॉ. नीलम उपाध्याय जी और आदरणीया शशि बंसल जी।

धन्यवाद आदरणीय उस्मानी साहब।  एक भूल सुधार  की अनुमति चाहूंगी।  मैं डॉ. नहीं हूँ।  शायद गलती से मेरे नाम  के साथ डॉ. लग गया है। 

उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के वर्ष २०१७ के घोषित पुरस्कारों में समकालीन ग़ज़ल के सशक्त हस्ताक्षर अभिनव अरुण को उनके ग़ज़ल संग्रह ‘’बादल बंद लिफ़ाफ़े हैं‘’ के लिए प्रतिष्ठित ‘’दुष्यंत कुमार पुरस्कार’’ प्रदान किया किया गया है | आगामी १४ अक्टूबर २०१८ को आयोजित समारोह में पुरस्कार स्वरूप प्रमाण पत्र ,सम्मान चिह्न और पचहत्तर हज़ार रुपये की पुरस्कार राशि दी जाएगी | साहित्य, प्रसारण और पत्रकारिता में पिछले ढाई दशक से सक्रिय सम्प्रति आकाशवाणी वाराणसी में वरिष्ठ उद्घोषक के रूप में कार्यरत अरुण पाण्डेय’’अभिनव अरुण’’ के दो ग़ज़ल संग्रह ‘’सच का परचम’’ एवं ‘’बादल बंद लिफाफे हैं ‘’ और एक कविता संग्रह’’मांद से बाहर’’ प्रकाशित एवं चर्चित हो चुके हैं | साथ ही ' सारांश समय का ', 'बनारस की हिन्दी ग़ज़ल ' , 'त्रिसुगंधि', ‘पुष्पगंधा' , 'समकालीन हिंदी ग़ज़लकार-खण्ड-३' व ' प्राची की ओर ' साझा संकलनों में उनकी रचनाएँ शामिल हैं | इसके अलावा विभिन्न लोकप्रिय राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में उनकी रचनाएँ प्रमुखता से प्रकाशित एवं आकाशवाणी दूरदर्शन से प्रसारित होती रहती हैं | मंचो पर ग़ज़लों की प्रभावी प्रस्तुति के लिए लोकप्रिय अभिनव अरुण को ‘भारतीय लेखक शिविर २०१२ – बनारस’ में कविता का प्रथम पुरस्कार ,प्रगतिशील ग़ज़ल लेखन हेतु ‘’परिवर्तन के प्रतीक २००९‘’ सम्मान (परिवर्तन, वाराणसी ) ,आगमन साहित्य सम्मान २०१४ ‘’एवं ‘’आगमन भूषण सम्मान२०१६’’ (आगमन ,दिल्ली ) , ग़ज़ल लेखन हेतु ’’दुष्यंत कुमार स्मृति सम्मान २०१४’’ (‘संभाव्य’संस्था व पत्रिका, भागलपुर बिहार ) , और काव्य रंगोली हिंदी साहित्यिक पत्रिका(लखीमपुर खीरी)द्वारा साहित्यिक-सामाजिक योगदान के लिए ‘’काव्य रंगोली साहित्य भूषण सम्मान २०१७’’ सहित अनेक प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त हैं | 


काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के प्राध्यापक प्रो. वशिष्ठ अनूप ,जो स्वयं ख्यात गज़लकार हैं के शब्दों में अभिनव अरुण ज़िन्दगी के कवि हैं और जिंदगी के सभी पहलू उनकी ग़ज़लों में प्रामाणिकता के साथ प्रस्तुत होते हैं | वह रोज़ मर्रा की साधारण सी बातों को अपने अशआरों में पेश करते हैं तो वह असाधारण एवं प्रभावशाली लगती हैं | अपनी बात सादगी से बेलौस कहने में अभिनव अरुण को महारथ हासिल है | किसानो - मजदूरों, प्रकृति –पर्यावरण ,प्रेम – विछोह , छीजते मानवीय मूल्यों के प्रति चिंता, अन्याय का प्रतिकार ,सामाजिक विद्रूपताओं पर प्रहार सभी का साक्षात्कार उनकी ग़ज़लों में किया जा सकता है | अभिनव अरुण की शायरी उम्मीद और ताक़त की शायरी है | प्रो. अनूप के शब्दों में अभिनव नए दौर के प्रगतिशील एवं संभावनाओं से परिपूर्ण मुकम्मल शायर हैं|

आदरणीय श्री अरुण पाण्डेय  जी को तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद। इस विस्तृत महत्वपूर्ण जानकारी और सूचना के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया मुहतरम जनाब योगराज प्रभाकर साहिब।

हार्दिक बधाई आदरणीय अभिनव अरुण साहब जी।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"वाह बहुत खूबसूरत सृजन है सर जी हार्दिक बधाई"
16 hours ago
Samar kabeer commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"जनाब चेतन प्रकाश जी आदाब, आमीन ! आपकी सुख़न नवाज़ी के लिए बहुत शुक्रिय: अदा करता हूँ,सलामत रहें ।"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पचपनवाँ आयोजन है.…See More
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
Sunday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"स्वागतम"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service