उस उजाड़ से गांव में बस कुछ टूटीफूटी झोपड़ियां ही मौजूद थीं जो वहाँ के लोगों के आर्थिक दशा और सरकार के विकास के नारे की तल्ख सच्चाई बयान कर रही थीं. उसको थोड़ा अजीब लगा, उसने अपने स्टाफ की बात को गंभीरता से नहीं लिया था. दरअसल जब भी इस गांव के लोगों से वसूली की बात होती, स्टाफ मना कर देता कि वहाँ जाने से कोई फायदा नहीं होगा. "सर, वहाँ लोगों के पास अभी खाने को नहीं है, बैंक की किश्त कैसे चुकाएंगे", अक्सर उसे यही बात सुनने को मिलती थीं.
लेकिन उसे लगा कि शायद दूर होने और वहाँ पैदल जाने के…
ContinuePosted on April 4, 2021 at 4:30pm — 6 Comments
पूरी रात वह सो नहीं पाया था, आँखों आँखों में ही बीती थी पिछली रात. लेकिन कमाल यह था कि न तो कोई थकान थी और न ही कोई झल्लाहट. उसे अच्छी तरह से याद था कि इसके पहले जब भी रात को जागना पड़ जाए या किसी वजह से रात को देर तक नींद नहीं आये तो अगला पूरा दिन उबासी लेते और थकान महसूस करते ही बीतता था. उसे हमेश यही लगता रहा कि कहीं वह छोटा सा बच्चा उससे दब न जाए और उसी चक्कर में वह हर आधे घंटे पर उठ उठकर उसे देखता रहा. और वह बच्चा भी पूरी रात उसके बिस्तर पर घूमता रहा, कभी सिरहाने तो कभी पैरों की तरफ.पूरी…
ContinuePosted on February 8, 2021 at 11:11pm — 8 Comments
"अरे, कल तक तो आप ठीक लग रहे थे, आज इतना परेशान दिख रहे हैं. रात में फिर से बुखार तो नहीं आया था, दवा तो ले रहे हैं ना. ये कोविड भी जो न कराये, सारा देश परेशान है?, पत्नी ने उसके चिंतित चेहरे को देखते हुए कहना जारी रखा. कोविड के चलते वह दूर से ही खाना, पानी इत्यादि दे रही थी और बीच बीच में आकर हाल भी पूछ जाती थी.
"मैं तो बिलकुल ठीक हूँ लेकिन बेटी का बुखार उतरा कि नहीं, कहीं मेरे चलते उसे भी संक्रमण न हो जाए?, उसने शायद पत्नी की बात पूरी सुनी ही नहीं.
मौलिक एवं…
Posted on September 16, 2020 at 10:49am — 6 Comments
बहुत चहल पहल थी आज, अमूमन सप्ताहांत में थोड़ी भीड़ होती है लेकिन ऐसी भीड़ साल में दो ही दिन देखने को मिलती है, एक आज के दिन और एक मदर्स डे पर. शर्माजी एक कुर्सी पर बैठे हुए कुछ हमउम्र बुजुर्गों को देखते हुए सोच रहे थे, कुछ के चेहरे पर ख़ुशी, कुछ पर उम्मीद तो कुछ चेहरे निराश भी थे. कुछ लोग बाहर भी गए थे, उनके बच्चे ले गए थे आज के दिन को यादगार बनाने के लिए. अब बिना सेल्फी या साथ फोटो लिए भला कैसे सोशल मीडिया पर फादर्स डे मनता।
एक कार बाहर रुकी, मल्होत्रा जी उससे बाहर निकले और खड़े हो गए.…
Posted on June 22, 2020 at 7:18pm — 4 Comments
आदरणीय विनय कुमार जी को जन्म दिन की हार्दिक बधाई एवम असीमित शुभ कामनांयें।
बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय विनय जी
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