For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
ADMIN
OBO

Views: 71690

Reply to This

Replies to This Discussion

गुरू पूर्णिमा के पवित्र अवसर पर ओबीओ मंच संचालन समिति, सभी वरिष्ठ गुरूजन का सादर हार्दिक अभिनंदन, आदाब।
ओबीओ को परिवार के लिए यह बड़ी प्रसन्नता का विषय है कि आपके इस अदने से रचनाकार ने दुनिया की सबसे छोटी ग़ज़ल लिख डाली है । यह ग़ज़ल चार मात्राओं वाली ग़ज़ल है । इसकी बह्र फेलुन है । इसे Golden Book Of World Records 2017 में शामिल किया गया है । यह Record मेरे शायर उस्ताद आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब और OBPO परिवार को समर्पित है ।
*जीवन
उलझन ।

* सूने
आँगन ।

* घर-घर
अनबन ।

* उजड़े
गुलशन ।

* खोया
बचपन ।

*भटका
यौवन ।

* झूठे
अनशन ।

* ख़ाली
बरतन ।

* सहमी
धड़कन ।
मौलिक और अप्रकाशित ।
Attachments:
जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,ये सब आपकी सीखने की लगन का परिणाम है,और दुनिया जानती है ओबीओ सीखने सिखाने का मंच है, यक़ीनन ये ओबीओ के लिए भी हर्ष और गौरव की बात है,दिल से ढेरों मुबारकबाद पेश करता हूँ ।
बहुत-बहुत शुक्रगुज़ार हूँ आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब । यह सब आपकी मुझ पर नज़रे इनायत का नतीजा है ।
आद0 मोहम्मद आरिफ भाई जी सादर अभिवादन, इस नायाब उपलब्धि पर मेरी कोटि कोटि शुभकामनाएं आपको, आप यूँही अनेकानेक उपलब्धियोकी ओर बढ़ते रहे, यहीं कामना है मेरी। सादर
बहुत-बहुत आभार आदरणीय सुरेंद्रनाथ जी ।

इस सुखद समाचार से जो प्रसन्नता मिली है, वह बयान करना आसान नहीं है।

आपको बहुत-बहुत बधाई, भाई मोहम्मद आरिफ़ जी।

सादर,

विजय निकोर

आपकी उत्साहजनक टिप्पणी का बहुत-बहुत आभार आदरणीय विजय निकोर जी ।

ओबीओ परिवार के लिए बड़े गौरव की बात है आपको ढेरो बधाइयां शुभकामनाएँ आद० मोहम्मद आरिफ जी .

आपका बहुत-बहुत आभार आदरणीया राजेश कुमारी जी । यह सम्मान OBO परिवार तथा मेरे शायर उस्ताद आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब दोनों को समर्पित है ।

मेरी तरफ से बहुत बहुत बधाई स्वीकार करें आ० मोहम्मद आरिफ साहिब. इस एजाज़ से ओबीओ परिवार का कद और बुलंद हुआ है जिस हेतु आपके उस्ताद शरीफ मोहतरम जनाब समर कबीर साहिब को भी बहुत बहुत मुबारकबाद.  

यह सब आपकी दुआओं, शायर उस्ताद आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब और OBO परिवार का कमाल है आदरणीय योगराज प्रभाकर जी । बहुत-बहुत शुक्रिया , हार्दिक आभार ।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
3 hours ago
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
11 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
11 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service