For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आदरणीय काव्य-रसिको,

सादर अभिवादन !

 

’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का आयोजन लगातार क्रम में इस बार बावनवाँ आयोजन है.

आयोजन हेतु निर्धारित तिथियाँ  14  अगस्त 2015 दिन शुक्रवार से 15 अगस्त 2015 दिन शनिवार तक

 

इस बार भी गत अंक की तरह वही तीन छन्द रखे गये हैं - दोहा छन्द, रोला छन्द और कुण्डलिया छन्द.

 

हम आयोजन के अंतरगत शास्त्रीय छन्दों के शुद्ध रूप तथा इनपर आधारित गीत तथा नवगीत जैसे प्रयोगों को भी मान दे रहे हैं.

 

इन तीनों छन्दों में से किसी एक या दो या सभी छन्दों में प्रदत्त चित्र पर आधारित छन्द रचना करनी है. 

 

इन छन्दों में से किसी उपयुक्त छन्द पर आधारित नवगीत या गीत या अन्य गेय (मात्रिक) रचनायें भी प्रस्तुत की जा सकती हैं.  

 

रचनाओं की संख्या पर कोई बन्धन नहीं है. किन्तु, उचित यही होगा कि एक से अधिक रचनाएँ प्रस्तुत करनी हों तो तीनों छन्दों में रचनाएँ प्रस्तुत हों.   

 

केवल मौलिक एवं अप्रकाशित रचनाएँ ही स्वीकार की जायेंगीं.

 

 

[प्रयुक्त चित्र अंतरजाल (Internet) के सौजन्य से प्राप्त हुआ है]

 

जैसा कि विदित ही है, छन्दों के विधान सम्बन्धी मूलभूत जानकारी इसी पटल के भारतीय छन्द विधान समूह में मिल सकती है.

 

दोहा छन्द की मूलभूत जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें.

 

रोला छ्न्द की मूलभूत जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें

 

कुण्डलिया छन्द की मूलभूत जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें

********************************************************

दोहा छन्द पर आधारित गीत के उदाहरण केलिए यहाँ क्लिक करें.

 
दोहा छन्द आधारित नवगीत के उदाहरण केलिए यहाँ क्लिक करें.

 

आयोजन सम्बन्धी नोट :

फिलहाल Reply Box बंद रहेगा जो 14 अगस्त 2015  से 15 अगस्त 2015 यानि दो दिनों के लिए  रचना-प्रस्तुति तथा टिप्पणियों के लिए खुला रहेगा.

 

अति आवश्यक सूचना :

  1. रचना केवल स्वयं के प्रोफाइल से ही पोस्ट करें, अन्य सदस्य की रचना किसी और सदस्य द्वारा पोस्ट नहीं की जाएगी.
  2. नियमों के विरुद्ध, विषय से भटकी हुई तथा अस्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये तथा बिना कोई पूर्व सूचना दिए हटाया जा सकता है. यह अधिकार प्रबंधन-समिति के सदस्यों के पास सुरक्षित रहेगा, जिस पर कोई बहस नहीं की जाएगी.
  3. सदस्यगण संशोधन हेतु अनुरोध  करेंआयोजन की रचनाओं के संकलन के प्रकाशन के पोस्ट पर प्राप्त सुझावों के अनुसार संशोधन किया जायेगा.
  4. आयोजनों के वातावरण को टिप्पणियों के माध्यम से समरस बनाये रखना उचित है. लेकिन बातचीत में असंयमित तथ्य न आ पायें इसके प्रति संवेदनशीलता आपेक्षित है.
  5. इस तथ्य पर ध्यान रहे कि स्माइली आदि का असंयमित अथवा अव्यावहारिक प्रयोग तथा बिना अर्थ के पोस्ट आयोजन के स्तर को हल्का करते हैं.
  6. रचनाओं पर टिप्पणियाँ यथासंभव देवनागरी फाण्ट में ही करें. अनावश्यक रूप से रोमन फाण्ट का उपयोग  करें. रोमन फ़ॉण्ट में टिप्पणियाँ करना एक ऐसा रास्ता है जो अन्य कोई उपाय न रहने पर ही अपनाया जाय.
  7. रचनाओं को लेफ़्ट अलाइंड रखते हुए नॉन-बोल्ड टेक्स्ट में ही पोस्ट करें. अन्यथा आगे संकलन के क्रम में संग्रहकर्ता को बहुत ही दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

 

छंदोत्सव के सम्बन्ध मे किसी तरह की जानकारी हेतु नीचे दिये लिंक पर पूछताछ की जा सकती है ...


"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के सम्बन्ध मे पूछताछ

 

"ओबीओ चित्र से काव्य तक छंदोत्सव" के पिछ्ले अंकों को यहाँ पढ़ें ...

 

विशेष :

यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें.

 

मंच संचालक
सौरभ पाण्डेय
(सदस्य प्रबंधन समूह)
ओपन बुक्स ऑनलाइन डॉट कॉम

Views: 10830

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आदरणीया  Nita Kasar    जी आपकी मधुर प्रशंसा का हार्दिक आभार। 

सधे हुए दोहे कहे सुन्दर सबके भाव 

सरना सर ये खूब है, सीधा करें प्रभाव 

आदरणीय   मिथिलेश वामनकर    जी आपकी मधुर प्रशंसा का हार्दिक आभार। 

वीरों के बलिदान का ,सदा करो गुणगान 
कभी  तिरंगे  का  न हो ,भूले से अपमान...........बहुत  सुंदर.

आदरणीय  सुशील  सरना  साहब  सादर, प्रदत्त चित्र  पर  सुंदर  दोहे  रचे  हैं. बहुत-बहुत  बधाई  स्वीकारें.  चौथे  और पांचवे दोहे  को  एक बार  देख लें. सादर.

आदरणीय अशोक जी दोहों पर आपकी सकारात्मक प्रतिक्रिया का हार्दिक आभार। आपकी आज्ञा कैसे टाल सकता हूँ अभी ४ तो ५ दोहे को देखता हूँ वैसे कुछ पारिवारिक माहौल के कारण ये दोहे एक त्वरित प्रयास थे। पुनः आपका आभार। 

आदरणीय सुशीलसरनाजी, आपकी छान्दसिक प्रस्तुति और प्रयास केलिए हृदयतल से धन्यवाद.

आपकी न केवल मेहनत रंग लायी है बल्कि यह सुखद आश्चर्य भी है कि आपने कितनी आत्मीयता से दोहा छन पर काम करना प्रारम्भ कर दिया है !

निम्नलिखित दोहे ने तो मन मोह लिया -

वीरों के बलिदान का ,सदा करो गुणगान
कभी तिरंगे का न हो ,भूले से अपमान

लेकिन चौथा दोहा अभी और समय की मांग कर रहा है. ’मिट्टी को’ से विषम चरण का अन्त नहीं होना चाहिये. ’मिट्टी को’ तगण (गुरु गुरु गुरु) का प्रभाव बनाते हैं. तगण से विषम चरण का अन्त मान्य नहीं है.

दूसरे, श्रृंगार .. यह क्या शब्द है ? सही अक्षरी शृंगार है. इस तथ्य पर कई बार बातें हुई हैं.

सादर

आदरणीय सौरभ जी दोहों पर आपकी ऊर्जावान प्रतिक्रिया सदा मुझे नए सृजन की और अग्रसर करती है। इंगित त्रुटियाँ भविष्य के सावधान करती हैं। मिट्टी में गुरु गुरु गुरु का दोष बिलकुल सही पकड़ा आपने   … वो कहते हैं न सावधानी हटी और दुर्घटना घटी   .... हा हा हा   … और श्रृंगार को आपके बताये अनुसार शृंगार ही लिखा था बस एडिटिंग के वक्त टंकण दोष हो गया  …  आदरणीय आपकी ये गहन समीक्षा ही रचनाकार की बुनियाद को मजबूत आधार प्रदान करती है। इस हेतु आपका हार्दिक हार्दिक आभार। कृपया स्नेह बनाये रखें सर। 

देशप्रेम के भाव से लबालब है ये समस्त दोहे का सार । सुंदर दोहों के लिए बधाई स्वीकार कीजिये अादरणीय सुनील सरना जी ।

आदरणीया कांता रॉय जी आपकी स्नेहिल प्रशंसा का हार्दिक आभार। 

आदरणीय सुशील भाईजी 

सुंदर सब दोहे रचे, चित्र हुआ साकार ।

यह उत्साह बना रहे, उत्सव में हर बार॥ 

हार्दिक बधाई स्वीकार करें 

आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी आपकी स्नेहिल प्रशंसा का हार्दिक आभार। 

चित्राधारित दोहे

चित्राधारित दोहे

हिंदू न मुसलमान है,सबसे पहिले हम इंसान है ।
आज़ादी है हमें जान से प्यारी,
हम इस पर क़ुर्बान है ।। १

देशप्रेम का जज़्बा,कूट कूटकर,
यूँ भरा है ।
पूर्वजों से ही हमने ,आज़ादी का अर्थ सीखा है ।। २

बालक है छोटे पर सोच है ऊँची, देश के लिये जीवन क्या,
जाँ भी क़ुर्बान है ।।३

आज से भविष्य देश का,कर रहे चिंतन मनन।
आज़ादी मिली,कितनी मुश्किलों से,
शहीदों को शत् शत् नमन ।।४

आज़ादी के लिये दी पूर्वजों ने,
कितनी क़ुर्बानी है ।
देश की करेंगे रक्षा,कस्में यही खानी है।।५

सदैव तिरंगा का हम,सम्मान यूँ ही बढ़ायेंगे ।
वतन तेरे लिये आज़ादी के तराने
गायेंगे ।।६


मौलिक व अप्रकाशित

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम्"
11 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण भाई अच्छी ग़ज़ल हुई है , बधाई स्वीकार करें "
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"आदरणीय सुरेश भाई , बढ़िया दोहा ग़ज़ल कही , बहुत बधाई आपको "
12 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीया प्राची जी , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
12 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"सभी अशआर बहुत अच्छे हुए हैं बहुत सुंदर ग़ज़ल "
Wednesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

पूनम की रात (दोहा गज़ल )

धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।जगमग है कण-कण यहाँ, शुभ पूनम की रात।जर्रा - जर्रा नींद में ,…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी

वहाँ  मैं भी  पहुंचा  मगर  धीरे धीरे १२२    १२२     १२२     १२२    बढी भी तो थी ये उमर धीरे…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"आ.प्राची बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"कहें अमावस पूर्णिमा, जिनके मन में प्रीत लिए प्रेम की चाँदनी, लिखें मिलन के गीतपूनम की रातें…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
Jul 12
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
Jul 12

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service