For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मैं झूमता चला हूँ : हरि प्रकाश दुबे

22--22—22--22--22—2

मैं तो हूँ फ़कीर मैं झूमता चला हूँ

आदाब कर खुदा को नाचता चला हूँ

 

मस्त हूँ ख़ुशी मैं कहूं इसे ही जीना

गम के भँवर मैं मस्त तैरता चला हूँ

 

मौत क्या बला है मैंने इसे न जाना

जिंदगी मिली है बस भागता चला हूँ

 

बड़ी ख़ाक छानी पहले हुआ परेशां

नसीब को नाज़ तले रौंदता चला हूँ      (नाज़= कोमलता)

 

शक हो किसी के दिल में तो आजमाले

इस देह को न’अश को सौंपता चला हूँ   (न’अश = ताबूत)

 

© हरि प्रकाश दुबे

"मौलिक व अप्रकाशित”   

Views: 626

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Hari Prakash Dubey on March 10, 2015 at 7:10pm

आदरणीय गिरिराज सर ,उत्साहवर्धन के लिए  बहुत- बहुत धन्यवाद आपका ! सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 10, 2015 at 11:04am

आदरणीय हरि प्रकाश भाई  , बहुत बेहतरीन प्रयास हुआ है ग़ज़ल का , बढ़िया शे र कहे हैं , हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार करें ॥

Comment by Hari Prakash Dubey on March 9, 2015 at 11:09pm

आदरणीय श्याम मठपाल जी ,रचना पर आपकी उत्साहजनक प्रतिक्रिया से मन प्रसन्न है , आभार आपका ! सादर 

Comment by Hari Prakash Dubey on March 9, 2015 at 10:54pm

भाई महर्षि त्रिपाठी जी ,बहुत बहुत धन्यवाद आपका ! सस्नेह 

Comment by Hari Prakash Dubey on March 9, 2015 at 10:52pm

आदरणीय डॉ गोपाल नारायण श्रीवास्तव सर ,आपके रचना पर दो शब्द भी एक उत्प्रेरक का काम करतें है , आभार आपका  ! सादर !

Comment by Hari Prakash Dubey on March 9, 2015 at 10:47pm

आदरणीय डॉ विजय शंकर सर ,  सच मैं आप की प्रतिक्रिया उत्साहवर्धन करती है ,और सतत कुछ लिखने को प्रेरित करती है, प्रोत्साहन हेतु आपका हार्दिक आभार,  ! सादर 

Comment by Hari Prakash Dubey on March 9, 2015 at 10:43pm

भाई कृष्णा मिश्र जी ,रचना आपको पसंद आई ,आपका आभार ,तक्तीअ क्या बाला है ,अभी मैं भी समझ ही रहा हूँ , दरअसल गज़क विधा मुश्किल सी लग रही है अभी , थोडा थोडा प्रयास  चल रहा है ! सादर 

Comment by Shyam Mathpal on March 9, 2015 at 9:12pm

Aardarnya Dube Sb.,

Kya baat hai anand aa gaya. Dil ko choo gaee ..  Bahut shukriya. Badhai.

Comment by maharshi tripathi on March 9, 2015 at 5:59pm

अच्छी रचना पर बधाई आ.हरिप्रकाश  जी |

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on March 9, 2015 at 12:31pm

हरि प्रकाश जी

अच्छा प्रयास है i सादर i

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम. . . . रोटी
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। रोटी पर अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
1 minute ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
10 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
12 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
40 minutes ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आदाब।‌ हार्दिक धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' साहिब। आपकी उपस्थिति और…"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं , हार्दिक बधाई।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया छंद
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। प्रेरणादायी छंद हुआ है। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आ. भाई शेख सहजाद जी, सादर अभिवादन।सुंदर और प्रेरणादायक कथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"अहसास (लघुकथा): कन्नू अपनी छोटी बहन कनिका के साथ बालकनी में रखे एक गमले में चल रही गतिविधियों को…"
22 hours ago
pratibha pande replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"सफल आयोजन की हार्दिक बधाई ओबीओ भोपाल की टीम को। "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय श्याम जी, हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service