For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

विचारो का बीज.............

हाथ में कुछ बीज
यूँ ही ले के कागजो
पे बोने आ गयी हूँ
विचारो के बीज
सबको कहाँ मिलते हैं
मुझे भी बस एक ही मिला
एक बाग़ लगाना है
इसलिए मुट्ठी
कस कर बंद हैं
इस बीज को वृक्ष
वृक्ष से फिर बीज
इसी तरह
तो लगेगा बाग़
माली ने बताया था
माली वो जो
सबके भीतर हैं
मुझे मिला था
एक रोज जब
उसी ने दिया था
 ये एक बीज
''विचारो का बीज ''

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 623

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by savita agarwal on October 18, 2013 at 9:24pm

जितेन्द्र 'गीत' जी, coontee mukerji जी ..बहुत बहुत आभार ...

Comment by savita agarwal on October 18, 2013 at 9:23pm
Laxman Prasad Ladiwala जी बहुत आभार की रचना को आपका आशीर्वाद मिला
Comment by savita agarwal on October 18, 2013 at 9:22pm
Kewal Prasad जी बहुत आभार ...
Comment by savita agarwal on October 18, 2013 at 9:20pm
Sushil.Joshi जी बहुत बहुत आभार आपका...
Comment by savita agarwal on October 18, 2013 at 9:19pm
आदरणीय बृजेश नीरज जी आभार आपका...
Comment by coontee mukerji on October 18, 2013 at 1:07pm

माली वो जो
सबके भीतर हैं
मुझे मिला था
एक रोज जब
उसी ने दिया था
 ये एक बीज
''विचारो का बीज '.....बहुत सुंदर.

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 18, 2013 at 12:11am

बहुत सुंदर रचना, बधाई स्वीकारें आदरणीया सविता जी

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on October 17, 2013 at 10:00pm

माली वो जो
सबके भीतर हैं
मुझे मिला था
एक रोज जब
उसी ने दिया था
 ये एक बीज--------बहुत सुन्दर भाव रचना सार्थक सन्देश देती | हार्दिक बधाई आदरणीया सविता अग्रवाल जी 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on October 17, 2013 at 8:32pm

आदरणीया सविता जी,  वाह!   विचारों के बीज नूतन बिम्ब के साथ सुन्दर अभिव्यकित और सोददेश्य रचना के लिए तहेदिल से बहुत-बहुत बधार्इ स्वीकारें। सादर,

Comment by Sushil.Joshi on October 17, 2013 at 8:21pm

वाह.... अति सुंदर एवं संदेशपरक रचना है..... बहुत बहुत बधाई हो आदरणीया सविता जी....

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

आदमी क्या आदमी को जानता है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ कर तरक्की जो सभा में बोलता है बाँध पाँवो को वही छिप रोकता है।। * देवता जिस को…See More
21 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday
Sushil Sarna posted blog posts
Thursday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Nov 5
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

देवता क्यों दोस्त होंगे फिर भला- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
Nov 5

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Nov 2
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Nov 1
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Oct 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Oct 31
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
Oct 31
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
Oct 31

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
Oct 31

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service