For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सफेदपोश (लघुकथा)

लूट के माल का बंटवारा होना था । गिरोह के सभी सदस्य जुटे थे। अचानक पहरेदार ने आकर इत्तला किया, पुलिस ने घेरा डालना शुरू कर दिया है , जल्दी माल समेटो और भागो।
कौओं के बीच हंस बने व्यक्ति ने बुद्धिजीविता दिखाई "जरूर किसी ने गद्दारी की है। "
सरदार को बात जंच गई , हाँ गद्दार को छोड़ना मुनासिब न होगा। कमर से पिस्तौल निकाली और धांय।
"अरे सरदार ये तो अपना खास आदमी था।"
लाश के धवल वस्त्रों पर नजर मारते हुए सरदार गुर्राया " नहीं ! ये सफेदपोश हो गया था।"

(मौलिक और अप्रकाशित)

Views: 592

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by babitagupta on May 16, 2018 at 9:12pm

आदरणीय सर जी, वर्तमान व्यवस्था पर शब्दों से अच्छा कटाक्ष किया है, बधाई स्वीकार कीजिए प्रस्तुत रचना के लिए ।

Comment by Nita Kasar on April 24, 2018 at 12:47pm

कथा उम्दा है थोड़ी फ़िल्मी हो गई ।हंस और कौन को प्रतीक बनाकर लिखी गई कथा के लिये बधाई आद०गौरव कुमार जी ।

Comment by TEJ VEER SINGH on April 23, 2018 at 2:11pm

हार्दिक बधाई आदरणीय कुमार गौरव जी।बेहतरीन लघुकथा।

Comment by Mohammed Arif on April 23, 2018 at 1:45pm

आदरणीय कुमार गौरव जी आदाब,

                              अच्छा प्रयास । बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Neelam Upadhyaya on April 23, 2018 at 10:37am

आदरणीय कुमार गौरव जी लघु कथा की प्रस्तुति पर बढ़ायी स्वीकार करें। 

Comment by Samar kabeer on April 22, 2018 at 6:38pm

आइडिया कहीं से भी आया हो,लेकिन जब पता चले कि पुलिस ने घेर लिया है तो कोई भी संवाद करेगा या ख़ुद को बचाने की फ़िक्र करेगा?

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on April 22, 2018 at 3:56pm

इस तरह के संवाद/दृश्य कुछ फ़िल्मों में भी पाये जाते हैं! शायद उनसे आइडिया मिला हो।

Comment by Samar kabeer on April 22, 2018 at 3:01pm

जनाब कुमार गौरव जी आदाब,लघुकथा काप्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।

'इत्तला किया' को " इत्तिला दी" कर लें ।

जब पहरेदार ने कहा कि पुलिस ने घेरा डालना शुरू कर दिया है,जल्दी माल समेटो और भागो-इसके बाद इतने वार्तालाप की क्या तुक है?

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on April 22, 2018 at 8:47am

बेहतरीन सृजन। यथार्थपूर्ण कटाक्षपूर्ण और विचारोत्तेजक। हार्दिक बधाई आदरणीय कुमार गौरव साहिब। वाह!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
9 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
10 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
10 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service