For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तज़ुर्बे (लघुकथा)

"लगता है कि अभी भी यह उड़ना नहीं सीख पायी।"


"अरे नहीं! दरअसल वह  उड़ना भूल चुकी है बुरे तज़ुर्बों से !" - नई सदी की हैरान, परेशान नवयौवना को घर की छत पर अनिर्णय की स्थिति में देख उसके इर्द-गिर्द हवा में उड़ते एक गिद्ध ने अपने साथी कौवे से कहा। कौवा उस गिद्ध को घूरने सा लगा।


(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 698

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on April 13, 2018 at 2:56am

मेरे प्रयास के अनुमोदन और हौसला अफ़ज़ाई के लिए हार्दिक धन्यवाद आदरणीय विजय निकोरे साहिब और आदरणी‌य सुरेन्द्र नाथ सिंह 'कुशक्षत्रप साहिब

Comment by vijay nikore on April 11, 2018 at 11:39am

कम शब्दों में इतनी कटाक्षपूर्ण लघु कथा, वाह ! आनन्द आ गया पढ़ कर। आपको हार्दिक बधाई, आदरणीय शैख शहज़ाद उस्मानी जी

Comment by नाथ सोनांचली on April 11, 2018 at 5:13am

आद0 शेख शहज़ाद उस्मानी साहब सादर अभिवादन। बढिया व्यंग्यात्मक लघुकथा। गिद्ध कौवे के माध्यम से आपने ऐसी बातें कह दी कि इस लघुकथा को पढ़कर जेहन से इस बात को उतारना मुश्किल। वाकई बेहतरीन। बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं आपको आगे की लघुकथाओं के लिए। सादर

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on April 11, 2018 at 4:22am

बहुत ही प्रोत्साहक टिप्पणी के साथ इस रचना को मान दे कर लेखक की‌ हौसला अफ़ज़ाई के लिए तहे दिल से बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीया नीता कसार जी और आदरणीय महेंद्र कुमार जी।

Comment by Nita Kasar on April 9, 2018 at 6:19pm

बुरे  तजुर्बे ही अच्छे तजुर्बे की राह खोलते है बस हौंसलाअफजाई होना चाहिये कथा के लिये बधाई आद० शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी ।

Comment by Mahendra Kumar on April 9, 2018 at 3:14pm

कम शब्दों में शानदार लघुकथा कही है आपने आदरणीय शेख़ शहज़ाद उस्मानी जी। प्रतीकों का उम्दा प्रयोग करते हुए बढ़िया व्यंग्य किया है आपने। ढेर सारी बधाई स्वीकार कीजिए। सादर। 

Comment by Samar kabeer on April 9, 2018 at 2:48pm

जज़ाकल्लाह !

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on April 9, 2018 at 2:33pm

"मुहब्बत की नहीं जाती हो जाती है!" ऐसा ही है साहित्य सृजन और साहित्यकारों के साथ!

Comment by Samar kabeer on April 9, 2018 at 2:29pm

"साहिर" की पंक्ति याद आ गई :-

"मुझको इतनी महब्बत न दो दोस्तो

मैं तो कुछ भी नहीं"

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on April 9, 2018 at 2:24pm

शुक्रिया मुहतरम जनाब समर कबीर साहिब। डिक्शनरी ख़रीद ही लूंगा। वैसे आप ही काफी हैं इस सम्मानित मंच पर!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service