For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

वो चाँद, सितारे कहाँ गए- गजल

मापनी 221 2121 1221  212

 

आँगन, वो’ छत, वो’ चाँद, सितारे कहाँ गए.

वो दिल की’ हसरतों के’ शरारे कहाँ गए.

 

निश्छल सरल वो’ प्रेम के’ किस्से पले जहाँ,

पनघट, नदी  वो’ झील किनारे  कहाँ गए.

 

आये थे’ जिन्दगी में दिखाने को’ रास्ता,

नींदें चुरा के’ ख्वाब तुम्हारे, कहाँ गए.

 

चारों तरफ गुबार है’ नफरत की’ धूल का,

उड़ते  थे’ प्रेम  के वो’ गुबारे कहाँ गए.

 

जब आयी’ गम की’ रात अँधेरा पसर गया,

मनमीत  थे कभी  जो’ हमारे, कहाँ गए.

 

जब से मिला है’ तख़्त दिखाई न शक्ल दी,

वादों  की’ पोटली  वो’ पिटारे कहाँ गए.

 

चौपाल, नीम, आम, बुजुर्गों से’ मशविरा,

मिलते थे’ सब गले वो'  नजारे कहाँ गए.

"मौलिक एवं अप्रकाशित"

Views: 753

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on March 21, 2018 at 3:40pm

जनाब बसंत कुमार साहिब ,अच्छी ग़ज़ल हुई है ,मुबारक बाद क़ुबूल फरमाएं। मेरे हिसाब से गुबारे क़ाफ़िया सही है ।  सही शब्द  लुगात में गुबारा ही है ।

Comment by बसंत कुमार शर्मा on March 21, 2018 at 1:12pm

आदरणीय Samar kabeer  जी, देखें ये ठीक रहेगा क्या या आपका कुछ और सुझाव हो तो मार्गदर्शन करें, सादर  

चारों तरफ गुबार है’ नफरत की’ धूल का,

आँगन थे’ प्रेम के जो’ बुहारे कहाँ गए

Comment by बसंत कुमार शर्मा on March 21, 2018 at 12:46pm

आदरणीय Ajay Tiwari जी एवं आदरणीय Nilesh Shevgaonkar आपका दिल से शुक्रिया,

आदरणीय आपके मार्गदर्शन का दिल से शुक्रिया, तदनुसार परिमार्जित करता हूँ, इसी तरह स्नेह बनाये रखें. सादर नमन   

Comment by Ajay Tiwari on March 21, 2018 at 9:21am

आदरणीय बसंत जी, खूबसूरत अशआर हुए है. हार्दिक बधाई. 

Comment by Nilesh Shevgaonkar on March 20, 2018 at 11:03pm

अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाई आ. बसंत जी 

Comment by Samar kabeer on March 20, 2018 at 10:53pm

जनाब बसंत कुमार शर्मा जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास बहुत उम्दा हुआ है,दाद के साथ मुबारकबाद पेश करता हूँ ।

तीसरे शैर के ऊला मिसरे में 'को' की जगह 'जो', करना उचित होगा ।

चौथे शैर में 'ग़ुबारे' क़ाफ़िया ग़लत है,सही शब्द है "ग़ुब्बारे" देखियेगा ।

छटे शैर के ऊला मिसरे में 'दी' को "भी"करना उचित होगा ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
21 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Jul 29

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Jul 29
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service