For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

शरणार्थी(लघुकथा)

दो मित्र आपस में बातें कर रहे थे;एक मानवतावादी था और दूसरा समाजवादी।पहले ने कहा-
अरे भई!वो भी आदमी हैं,परिस्थिति के मारे हुए।बेचारों को शरण देना पुण्य-परमार्थ का काम है।
दूसरा:हाँ तभी तक,जबतक यहाँ के लोगों को शरणार्थी बनने की नौबत न आ जाये।

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 587

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नाथ सोनांचली on March 11, 2018 at 6:06am

आद0 मनन जी सादर अभिवादन। बढिया लघुकथा कही आपने, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार कीजिये

Comment by Manan Kumar singh on March 9, 2018 at 10:28pm

आपका आभार आदरणीय उस्मानीजी।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on March 9, 2018 at 6:13pm

बहुत बढ़िया जन जागरण और मार्गदर्शन देती विचारोत्तेजक रचना। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह साहिब। इसके विपरित भाव लिए भी समस्याओं पर केंद्रित सकारात्मक संदेश वाहक रचना भी कही जा सकती है।

Comment by Manan Kumar singh on March 8, 2018 at 10:15pm

आदरणीय समर जी,आदाब एवं शुक्रिया।

Comment by Manan Kumar singh on March 8, 2018 at 10:14pm

आपका आभार आदरणीय बृजेश जी।

Comment by Samar kabeer on March 8, 2018 at 10:06pm

जनाब मनन कुमार सिंह जी आदाब,बहुत उम्दा लघुकथा,बधाई स्वीकार करें इस प्रस्तुति पर ।

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on March 8, 2018 at 7:29pm

सत्य का अच्छा चित्रण किया है आदरणीय..

Comment by somesh kumar on March 8, 2018 at 4:19pm

KYA KISI BHI KTHAN YA GHATNA KO LGHUKTHA KHNA SHI HAI.MERE VICHAR SE LGHUKTHA GDHY KA DOHA HOTA HAI.KM SE KM SHBDON ME KOI GAMBHIR BAAT YA SNDESH DENE VALI RCHNA

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service