For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल- मेरा घर भी कितना हवादार है।

बह्र - फऊलुन फऊलुन फऊलुन फउल

न छत है न कोई भी दीवार है।
मेरा घर भी कितना हवादार है।

हुनरमन्द होकर भी बेकार है।
अजीबोगरीब उसका किरदार है।

जिसे दूर तक सूझता ही नहीं,
वही इस कबीले का सरदार है।

भले ही जुदा धड़ से सर होगया,
अभी भी मेरे सर पे दश्तार है।

वो शेखी पे शेखी बघारे तो क्या,
सभी जानते हैं वो मुरदार है।

दवा का असर कोई होगा नहीं,
वो तन से नहीं मन से बीमार है।

अदालत से बेशक बरी हो गया,
मग़र आदमी वो गुनहगार है।

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 747

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on February 2, 2018 at 8:33pm

बहुत ही शानदार ग़ज़ल कही आदरणीय..सादर

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on February 2, 2018 at 3:49pm

बहुत खूब...

Comment by vijay nikore on February 2, 2018 at 1:14pm

अच्छी गज़ल के लिए दिल से बधाई, आदरणीय राम अवध जी

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on February 1, 2018 at 5:59pm

आदर्णीय सुरेन्द्र नाथ सिंह जी ग़ज़ल सराहना के लिये सादर आभार।

Comment by नाथ सोनांचली on February 1, 2018 at 3:57am

आद0 राम अवध विश्वकर्मा जीसादर अभिवादन। बढिया ग़ज़ल कही आपने। शैर दर शैर मुबारक पेश करता हूँ।

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on January 31, 2018 at 9:40pm

आदर्णीय तस्दीक़ अहमद साहब आपके द्वारा की गई सारगर्भित टिप्पणी के लिये बहुत बहुत शुक्रिया। दशतार  की जगह दस्तार कर लूँँगा।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on January 31, 2018 at 9:21pm

जनाब राम अवध साहिब , उम्दा ग़ज़ल हुई है ,मुबारकबाद क़ुबूल फरमायें।

शेर4 में  सानी मिसरे में मेरे की जगह मगर  करने से और अच्छा हो सकता है  , सही शब्द  दस्तार  है   दशतार  नहीं  , देखियेगा ।

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on January 30, 2018 at 8:46pm

ग़ज़ल सराहना के लिये आदर्णीय तेज वीर सिंह जी सादर धन्यवाद

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on January 30, 2018 at 8:42pm

सादर आभार आदर्णीय उसमानी साहब हौसलाअफजाई के लिये

Comment by TEJ VEER SINGH on January 30, 2018 at 8:38pm

हार्दिक बधाई आदरणीय राम अवध विश्वकर्मा जी।बेहतरीन गज़ल।

जिसे दूर तक सूझता ही नहीं,
वही इस कबीले का सरदार है।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Samar kabeer replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"प्रिय मंच को आदाब, Euphonic अमित जी पिछले तीन साल से मुझसे जुड़े हुए हैं और ग़ज़ल सीख रहे हैं इस बीच…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, किसी को किसी के प्रति कोई दुराग्रह नहीं है. दुराग्रह छोड़िए, दुराव तक नहीं…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"अपने आपको विकट परिस्थितियों में ढाल कर आत्म मंथन के लिए सुप्रेरित करती इस गजल के लिए जितनी बार दाद…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय सौरभ सर, अवश्य इस बार चित्र से काव्य तक छंदोत्सव के लिए कुछ कहने की कोशिश करूँगा।"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"शिज्जू भाई, आप चित्र से काव्य तक छंदोत्सव के आयोजन में शिरकत कीजिए. इस माह का छंद दोहा ही होने वाला…"
7 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब "
7 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"धन्यवाद आ. सौरभ सर,आप हमेशा वहीँ ऊँगली रखते हैं जहाँ मैं आपसे अपेक्षा करता हूँ.ग़ज़ल तक आने, पढने और…"
7 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. लक्ष्मण धामी जी,अच्छी ग़ज़ल हुई है ..दो तीन सुझाव हैं,.वह सियासत भी कभी निश्छल रही है.लाख…"
7 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब,अच्छी ग़ज़ल हुई है ..बधाई स्वीकार करें ..सही को मैं तो सही लेना और पढना…"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"मोहतरम अमीरुद्दीन अमीर बागपतवी साहिब, अच्छी ग़ज़ल हुई है, सादर बधाई"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय सौरभ सर, हार्दिक आभार, मेरा लहजा ग़जलों वाला है, इसके अतिरिक्त मैं दौहा ही ठीक-ठाक पढ़ लिख…"
7 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
9 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service