For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल-प्रयास में असफल लोग नामुराद नहीं |-कालीपद 'प्रसाद'

काफिया : आद ,रदीफ़ : नहीं

बहर : १२१२  ११२२  १२१२  ११२ (२२)

अभी किसी को’ भी’ नेता पे’ एतिकाद नहीं

प्रयास में असफल लोग नामुराद नहीं |

किये तमाम मनोहर करार, सब गए भूल

चुनाव बाद, वचन रहनुमा को’ याद नहीं |

गरीब सब हुए’ मुहताज़, रहनुमा लखपति

कहा जनाब ने’ सिद्धांत अर्थवाद नहीं |

जिहाद हो या’ को’ई और, कत्ल धर्म के’ नाम

मतान्ध लोग समझते हैं’, उग्रवाद नहीं  |

कृषक सभी है’ दुखी दीन, गाँव में बसते

वो’ घोषणाएँ’ भलाई की’, ग्राम्यवाद नहीं |

हरेक धर्म में’ कुछ बात काबिले तारीफ़

को’ई भी’ धर्म कभी होता’ शुन्यवाद नहीं |

को’ई भी’ बात में’ विश्वास जो करे बिना’सोच

इसे कहे सभी’ धर्मान्ध, वुद्धिवाद नहीं  |

करे यकीन सभी वाद में, सही हैं’ सभी

विवेक पर करे’ विश्वास, भूतवाद नहीं|

सभी चुनाव सभा में बवाल हो जाते

कि धर्म जलसा’ में’ कुछ फ़ित्ना’-ओ-फसाद नहीं |

 शब्दार्थ अर्थवाद= पूंजीवाद    

 ग्राम्यवाद-गाँव/गाँववासी की बराबर उन्नति के कार्य   

शुन्यवाद=जिसमे ज्ञान और सत्य का कोई मूल और

वास्तविक आधार न हो |

भूतवाद=भौतिकवाद

मौलिक और अप्रकाशित 

 

Views: 524

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नाथ सोनांचली on December 11, 2017 at 4:56am

आद0 कालीपद प्रसाद मंडल जी सादर अभिवादन। ग़ज़ल के बेहतरीनप्रस्तुति पर शैर दर शैर  मुबारकबाद कुबूल करें। सादर

Comment by Ram Awadh VIshwakarma on December 9, 2017 at 5:32pm

आदर्णीय कालीपद प्रसाद जी खूबसूरत ग़ज़ल के लिये बधाई।

Comment by SALIM RAZA REWA on December 8, 2017 at 7:55am
आ. ख़ूबसूरत ग़ज़ल के लिए बधाई,
Comment by Kalipad Prasad Mandal on December 6, 2017 at 7:36pm

आद समर कबीर साहिब ,आदाब , हौसला अफजाई के लिए तहे दिल से शुक्रिया |आपकी टिप्पणी से आत्म विश्वास बढ़ता है 

Comment by Kalipad Prasad Mandal on December 6, 2017 at 7:33pm

आ महम्मद आरिफ साहिब ,आदाब , हौसला अफजाई के लिए तहे दिल से शुक्रिया , 

Comment by Kalipad Prasad Mandal on December 6, 2017 at 7:30pm

हौसला अफजाई के लिए तहे दिल से शुक्रिया आ श्याम नारायण वर्मा जी \ सादर नमन 

Comment by Samar kabeer on December 6, 2017 at 6:45pm

जनाब कालीपद प्रसाद मण्डल जी आदाब,ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है,बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Mohammed Arif on December 6, 2017 at 2:10pm

आदरणीय कालीपद प्रसाद जी आदाब,

                              खड़ी बोली हिन्दी की बेहतरीन ग़ज़ल । हर शे'र उम्दा । हार्दिक बधाई स्वीकार करें । गुणीजनों का इंतज़ार करें ।

Comment by Shyam Narain Verma on December 6, 2017 at 11:58am
बहुत सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति , बधाई आप को | सादर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Wednesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Tuesday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Jul 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बहुत सुन्दर ग़ज़ल है आपकी। इतनी सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
Jul 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है। कुछ शेर अच्छे लगे। बधई स्वीकार करें।"
Jul 27
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"सहृदय शुक्रिया ज़र्रा नवाज़ी का आदरणीय धामी सर"
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service