For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आप क्या हैं इसे जानता कौन है

212 212 212 212
पूछिये मत यहां गमज़दा कौन है ।
पूछिये मुद्दतों से हँसा कौन है ।।

वो तग़ाफ़ुल में रस्में अदा कर गया ।
कुछ खबर ही नहीं लापता कौन है ।

घर बुलाकर सनम ने बयां कर दिया ।
आप आ ही गये तो ख़फ़ा कौन है ।।

इस तरह कोई बदला है लहजा कहाँ ।
आपके साथ में रहनुमा कौन है ।।

आज तो बस सँवरने की हद हो गई ।
यह बता दीजिए आईना कौन है ।।

अश्क़ आंखों से छलका तो कहने लगे ।
ढल गई उम्र अब पूंछता कौन है ।।

यूँ भटकता रहा उम्र भर इश्क में ।
पूछता रह गया रास्ता कौन है ।।

मैंने ख़त में उसे जब ग़ज़ल लिख दिया ।
फिर सवालात थे ये लिखा कौन है ।।

दीजिये मत खुदा की कसम बेसबब ।
अब खुदा को यहां मानता कौन है ।।


है जरूरी तो घर तक चले आइये ।
आप क्या हैं इसे जानता कौन है ।।

-- नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित

Views: 681

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Naveen Mani Tripathi on September 7, 2017 at 8:08am
जनाब आरिफ साहब तहे दिल से शुक्रिया
Comment by Mohammed Arif on September 7, 2017 at 7:49am
आदरणीय नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब, बेहतरीन तरही ग़ज़ल । हार्दिक बधाई स्वीकार करें । आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब की बातों पर गौर करें ।
Comment by Naveen Mani Tripathi on September 6, 2017 at 11:40pm
आ0 कबीर सर सादर नमन और आभार
Comment by Naveen Mani Tripathi on September 6, 2017 at 11:39pm
आ0 तस्दीक़ अहमद खान साहब शुक्रिया
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on September 6, 2017 at 6:49pm
जनाब नवीन साहिब ,ग़ज़ल की कोशिश की है आपने, मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं । मुहतरम समर साहिब के मश्वरे पर ध्यान जरूर दें
Comment by Samar kabeer on September 6, 2017 at 6:20pm
जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,ओबीओ के पुराने तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है,बधाई स्वीकार करें ।
चौथे शैर में भाव स्पष्ट नहीं है,क्या कहना चाहते हैं आप ?
छटे शैर में पूंछता को 'पूछता' कीजिये ।
सातवें शैर में रदीफ़ से इंसाफ़ नहीं हुआ ।
आठवें में भी रदीफ़ से क़ाफ़िए का रब्त नहीं है,देखियेगा ।
Comment by Naveen Mani Tripathi on September 6, 2017 at 6:39am
आ0सुरेंद्र नाथ कुशक्षत्रप जी सादर आभार
Comment by Naveen Mani Tripathi on September 6, 2017 at 6:38am
आ0 शेख शहज़ाद साहब शुक्रिया
Comment by Naveen Mani Tripathi on September 6, 2017 at 6:31am
आ0 सुशील सरना जी आभार
Comment by नाथ सोनांचली on September 6, 2017 at 4:19am
बहुत बढ़िया प्रस्तुति के लिए सादर हार्दिक बधाई आदरणीय नवीनमणि त्रिपाठी जी।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
8 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
8 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
yesterday
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service