For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

धब्बा लगा रहा है कोई आफ़ताब में

221 2121 1221 212

आ जाइये हुजूर जरा फिर हिजाब में ।
लगती बुरी नजर है यहां माहताब में ।।

बच्चों की लाश पर है तमाशा जनाब का ।
औलाद खो रहे किसी खानाखराब में ।।

अंदाज आपके हैं बदलते अना के साथ ।
शायद कोई नशा है यहां इंकलाब में ।।

सत्ता मिली जो आपको चलने लगे हैं दौर ।
डूबे मिले हैं आप भी महंगी शराब में ।।

खामोशियों के बीच जफा फिर जवाँ हुई ।
आंखों ने अर्ज कर दिया लुब्बे लुआब में ।।

यूँ ही किया था जुर्म वो दौलत के नाम पर ।
दो गज जमीं हुई है मयस्सर हिसाब में ।।

पूछा वतन का हाल मियां खत को भेजकर।
आया न कोई खतभी अभी तक जबाब में।।

अफसर बिके हैं खूब यहां आंख बन्द है ।
धब्बा लगा रहा है कोई आफ़ताब में ।।

सारा यकीन ढह गया हालात देखकर ।
मिलने लगे हैं जुर्म भी अपने शबाब में ।।

रहबर तेरा गुनाह भी दुनियां को है पता ।
छुपता है देर तक नहीं चेहरा नकाब में ।।

उतरा है रंग आपका तीखे लगे सवाल ।
हड्डी मिली है आपको जब से कबाब में ।।

-- नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित

Views: 855

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Naveen Mani Tripathi on September 6, 2017 at 11:45pm
आ0 डॉ आशुतोष जी शुक्रिया
Comment by Naveen Mani Tripathi on September 6, 2017 at 11:42pm
आ0सालिम रजा रेवा साहब शुक्रिया
Comment by Dr Ashutosh Mishra on September 6, 2017 at 11:31pm
Sunder prastiti naveen ji
Comment by SALIM RAZA REWA on September 6, 2017 at 9:00pm
आ. नवीन जी, बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है. हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. सादर.
Comment by Naveen Mani Tripathi on September 6, 2017 at 6:46am
आ0 गजेंद्र श्रोत्रिय साहब शुक्रिया
Comment by Naveen Mani Tripathi on September 6, 2017 at 6:45am
आ0 महेंद्र कुमार साहब शुक्रिया
Comment by Naveen Mani Tripathi on September 6, 2017 at 6:44am
आ0 ब्रिज कुमार ब्रज साहब शुक्रिया
Comment by Naveen Mani Tripathi on September 6, 2017 at 6:43am
आ0 विजय निकोरे साहब शुक्रिया
Comment by Naveen Mani Tripathi on September 6, 2017 at 6:42am
आ0 तस्दीक़ अहमद साहब शुक्रिया
Comment by vijay nikore on September 6, 2017 at 1:31am

अच्छी गज़ल के लिए बधाई।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
12 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
13 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
15 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
15 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
15 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
15 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
15 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service