For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल(दीप जला कर रखना) ----------------------------------------

ग़ज़ल(दीप जला कर रखना)
----------------------------------------
फाइलातुन -फइलातुन-फइलातुन-फेलुन

इसको दुनिया की नज़र बद से बचा कर रखना |
अपने दिल में ही मुहब्बत को छुपा कर रखना |

नीम शब आऊंगा मैं कैसे तुम्हारे घर पर
जाने मन बाम पे इक दीप जला कर रखना |

क्या खबर ख्वाब की ताबीर बदल जाए कब
मेरी तस्वीर को सीने से लगा कर रखना |

डर है बद ज़न कहीं अह्बाब न कर दें उनको
अपने जज़्बात को दिल में ही दबा कर रखना |

अश्के गम आँख से निकले ही नहीं हैं अब तक
हुक्म उनका है सितारों को सज़ा कर रखना |

दिल के खामोश समुंदर में हुई है हलचल
उसमें अहसास की लहरों को उठा कर रखना |

जाने कब अपने ही तस्दीक़ दगा दे जाएँ
जो हैं अग्यार उन्हें अपना बना कर रखना |

(मौलिक व अप्रकाशित )

Views: 730

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr Ashutosh Mishra on September 2, 2017 at 8:33pm
आदरणीय तस्दीक़ जी ये ग़ज़ल मुझे बेहद पसंद आयी गुनगुनाने में बेहद भाई इस रचना के लिए ढेर सारी बधाई सादर
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on January 10, 2017 at 9:39pm

मुहतरम जनाब आरिफ साहिब , ग़ज़ल आपकी शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया 

Comment by Mohammed Arif on January 10, 2017 at 2:58pm
मोहतरम जनाब तस्दीक़ साहब,खूबसूरत अहसास को रेखांकित करती ग़ज़ल के लिए ढेरों मुबारकबाद क़ुबूल फरमाये ।
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on January 9, 2017 at 8:30pm

मुहतरम जनाब बासुदेव साहिब , ग़ज़ल में आपकी शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया 

Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on January 9, 2017 at 11:53am

आदरणीय तसदीक़ साहिब बहुत ही उम्दा गज़ल हुई है। बधाई कुबूल फ़रमाएं।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on January 7, 2017 at 9:11pm

 जनाब  ब्रजेश कुमार  साहिब ,  ग़ज़ल में शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया 

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on January 7, 2017 at 8:18pm
वाह वाह खूब ग़ज़ल हुई
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on January 7, 2017 at 8:02pm

मुहतरम जनाब आशुतोष साहिब ,  ग़ज़ल में शिरकत और हौसला अफ़ज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on January 7, 2017 at 5:32pm
हुक्म उनका है सितारों को सजाकर रखना वाह वाह यह मुझ्र बेहद पसंद आया रचना पर हार्दिक बधाई सादर
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on January 7, 2017 at 3:44pm

 मुहतरम जनाब मिथिलेश . साहिब  ,  ग़ज़ल में आपकी गहराई से शिरकत और हौसला अफज़ाई  का बहुत बहुत शुक्रिया ---

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Wednesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

अस्थिपिंजर (लघुकविता)

लूटकर लोथड़े माँस के पीकर बूॅंद - बूॅंद रक्त डकारकर कतरा - कतरा मज्जाजब जानवर मना रहे होंगे…See More
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार , आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा में हूँ "
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका हार्दिक आभार "
Tuesday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"धन्यवाद आदरणीय "
Jul 27
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय कपूर साहब नमस्कार आपका शुक्रगुज़ार हूँ आपने वक़्त दिया यथा शीघ्र आवश्यक सुधार करता हूँ…"
Jul 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बहुत सुन्दर ग़ज़ल है आपकी। इतनी सुंदर ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।"
Jul 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ​ग़ज़ल का प्रयास बहुत अच्छा है। कुछ शेर अच्छे लगे। बधई स्वीकार करें।"
Jul 27
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"सहृदय शुक्रिया ज़र्रा नवाज़ी का आदरणीय धामी सर"
Jul 27

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service