For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

उफान नहीं होते

दिखा दे आईना मिला दे खुदी से

अब ऐसे कोई इम्तहान नहीं होते ......

मसीहा के घर न उगे ज्यों मसीहा


बेईमान के हमेशा बेईमान नहीं होते.......

गलियों के ज़िम्मे वो मासूम बचपन

जिनके सर निगेहबान नहीं होते ........

किस्से उनके भी कम नहीं होते

जिनके कभी दर्ज़े बयान नहीं होते ......

महलों में ही चलती हैं सेंधों की बातें

झोंपड़ में कभी दरबान नहीं होते .......

ईमान के रसालों में वो ही छपे हैं

जिनके ज़रा भी ईमान नहीं होते ......

दिल में उनके भी होते हैं तूफ़ान

चेहरे पे जिनके उफान नहीं होते ........

मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 413

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by amita tiwari on April 12, 2016 at 11:11pm

 आपके  प्रोत्साहन  ने रचना -के प्रयास को सार्थक कर दिया।

हार्दिक आभार

अमिता

Comment by vijay nikore on April 6, 2016 at 12:51pm

अच्छी रचना के लिए बधाई।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on April 6, 2016 at 11:56am

बहुत सुन्दर प्रस्तुति दिल से बधाई लीजिये 

Comment by kanta roy on March 28, 2016 at 11:13am

महलों में ही चलती हैं सेंधों की बातें

झोंपड़ में कभी दरबान नहीं होते ------वाह !  बिलकुल  सही ! बहुत  बढ़िया , बधाई  आपको  आदरणीया  अमिता  जी   

Comment by Samar kabeer on March 27, 2016 at 6:36pm
मोहतरमा अमिता तिवारी जी आदाब,सुंदर प्रस्तुति हेतु बधाई स्वीकार करें ।
Comment by रामबली गुप्ता on March 27, 2016 at 2:39pm
बहुत ही सुंदर रचना अमिता जी

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on March 27, 2016 at 11:02am
आदरणीय तेजवीर जी ये रचना ग़ज़ल नहीं है

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on March 27, 2016 at 11:01am
अच्छी रचना है अमिता जी
Comment by TEJ VEER SINGH on March 27, 2016 at 9:21am

हार्दिक बधाई आदरणीय अमिता तिवारी जी!बेहतरीन गज़ल!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

पूनम की रात (दोहा गज़ल )

धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।जगमग है कण-कण यहाँ, शुभ पूनम की रात।जर्रा - जर्रा नींद में ,…See More
18 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी

वहाँ  मैं भी  पहुंचा  मगर  धीरे धीरे १२२    १२२     १२२     १२२    बढी भी तो थी ये उमर धीरे…See More
18 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"आ.प्राची बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"कहें अमावस पूर्णिमा, जिनके मन में प्रीत लिए प्रेम की चाँदनी, लिखें मिलन के गीतपूनम की रातें…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
Friday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Thursday
Admin posted discussions
Jul 8
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service