For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कभी इनकार लिख देना कभी इकरार लिख देना- बैजनाथ शर्मा 'मिंटू'

1222  1222   1222  1222

कभी इनकार लिख देना कभी इकरार लिख देना|

अगर मुझसे मुहब्बत है तो बस तुम प्यार लिख देना|

 कि दिल की बात को दिल में दबाना छोड़कर दिल से,

 वफ़ा-उल्फत-मुहब्बत पर भी कुछ अशआर लिख देना। 

हमारे राजनेता पर भी थोड़ी बात हो जाए,

डुबाते हैं ये कश्ती को इन्हें बेकार लिख देना| 

मेरा महबूब गर तुमसे मेरा जो हाल पूछे तो, 

बड़ी संजीदगी से तुम दिले बीमार लिख देना| 

तिरंगे में लिपटकर जब मेरा ताबूत घर आये,

हमारे जन्मदाता के लिए जयकार लिख देना| 

ज़रूरत शीश की गर हो कभी माँ भारती तुमको,

बिना पूछे ही मेरा नाम तू हरबार लिख देना| 

कभी भी यार गर करना पड़ोसी मुल्क की चर्चा,

समझ जायेंगे नौनिहाल बस गद्दार लिख देना| 

कलम का मैं सिपाही हूँ नहीं तलवार रखता पर,

कहीं जब जिक्र गर करना तो पहरेदार लिख देना। 

मुहब्बत है रहेगी भी वतन से ए वतन वालों,

दिवाना है मेरा दिल नाम तुम दिलदार लिख देना|  

कसम खायी है ‘मिंटू’ ने मरेगा देश की खातिर,

वतन पर मरने-मिटने का मेरा अधिकार लिख देना|   

मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 802

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on January 7, 2016 at 5:44pm

आदरणीय भंडारी  साहेब............. मार्गदर्शन के लिए शुक्रिया आपका| 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 7, 2016 at 12:16pm

आदरनीय बैज नाथ भाई , देश प्रेम से पगी आपकी बेहतरीन गज़ल के लिये आपको दिल से बधाइयाँ ।
बस ...   समझ जायेंगे नौनिहाल बस गद्दार लिख देना  --  इस मिसरे की तक्तीअ एक बार और कर के देख लीजियेगा ।

Comment by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on January 6, 2016 at 5:17pm

आदरणीय सतविंदर  साहेब............. शुक्रिया आपका ।

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on January 6, 2016 at 11:43am
वह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् वह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्!आनंद और रोमांच भर दिया आपकी इस रचना ने।बहुत बहुत बधाई आदरणीय मिंटू भाई
Comment by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on January 5, 2016 at 5:34pm

आदरणीय शेख शहजाद  साहेब व अजय सहेब ............. बहुत -बहुत शुक्रिया।

Comment by ajay sharma on January 4, 2016 at 10:27pm

bahut khoob .....salam 

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on January 4, 2016 at 6:53pm
वक़्त की ज़रूरत मुताबिक़ जज़्बा इज़ाफ़ा करती ख़ूबसूरत ग़ज़ल के लिए हृदयतल से बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीय बैजनाथ शर्मा 'मिन्टू' जी ।
Comment by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on January 4, 2016 at 6:02pm

आदरणीय नादिर साहेब............. आपका बहुत -बहुत शुक्रिया।

Comment by नादिर ख़ान on January 4, 2016 at 5:43pm

बहुत खूब कहा अदरनीय  बैजनाथ जी, आपके जज़्बे को सलाम...... हर भारतीय के दिल की बात कह दी आपने

Comment by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on January 4, 2016 at 3:52pm

आदरणीय कबीर साहेब.............हौसला अफ़जाई के लिये बहुत-बहुत शुक्रिया।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted discussions
yesterday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 156

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  …See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"बहुत सुंदर अभिव्यक्ति हुई है आ. मिथिलेश भाई जी कल्पनाओं की तसल्लियों को नकारते हुए यथार्थ को…"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय मिथिलेश भाई, निवेदन का प्रस्तुत स्वर यथार्थ की चौखट पर नत है। परन्तु, अपनी अस्मिता को नकारता…"
Jun 6
Sushil Sarna posted blog posts
Jun 5
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार ।विलम्ब के लिए क्षमा सर ।"
Jun 5
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया .... गौरैया
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी । सहमत एवं संशोधित ।…"
Jun 5
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .प्रेम
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन पर आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभार आदरणीय"
Jun 3
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .मजदूर

दोहा पंचक. . . . मजदूरवक्त  बिता कर देखिए, मजदूरों के साथ । गीला रहता स्वेद से , हरदम उनका माथ…See More
Jun 3

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सुशील सरना जी मेरे प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
Jun 3
Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"बेहतरीन 👌 प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई "
Jun 2
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन पर आपकी समीक्षात्मक मधुर प्रतिक्रिया का दिल से आभार । सहमत एवं…"
Jun 2

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service