For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कुछ एक बातें …
कुछ  एक  बातें  ऐसी  हैं
कुछ   एक   बातें वैसी है
होठों पर  लज्जा   वाली
भीगी   रातों   जैसी   हैं
कुछ एक बातें …
हृदय के सागर पर लिखी
अमर प्रीत की बात  कोई
शब्द नीड़ में जागी  सोई
अलसायी  बातों जैसी  हैं
कुछ एक बातें …
मन के अम्बर  पर कोई
दीप प्रीत के जला  गया
मधुपलों की सिमटी सी
कुछ यादें मेघों जैसी  हैं
कुछ एक बातें …
इक शीत बूँद  अंगारों  पर
तृप्ति पूर्व  ही  झुलस गयी
हार जीत की नैनझील पर
सुधियों की  नावों जैसी हैं
कुछ एक बातें …


सुशील सरना
मौलिक एवमं अप्रकाशित

Views: 349

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on November 22, 2015 at 5:01pm

आदरणीय   सतविंदर कुमार  जी प्रस्तुति पर आपकी आत्मीय प्रशंसा का दिल से शुक्रिया। 

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on November 19, 2015 at 8:26pm
हृदय सागर पर लिखी
अमर प्रीत की बात कोई
शब्द नीड़ में जागी सोई
अलसायी बातों जैसी हैं
बहुत सुंदर।बधाई आदरणीय सर जी
Comment by Sushil Sarna on November 18, 2015 at 6:25pm

आदरणीय   Sheikh Shahzad Usmani  जी प्रस्तुति पर आपकी आत्मीय प्रशंसा का दिल से शुक्रिया। 

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 18, 2015 at 12:52pm
मन के उद्गार बखूबी चित्रित होकर गुंथे हुए हैं शब्दों की काव्य-माला में--
मन के अम्बर पर कोई
दीप प्रीत के जला गया
मधुपलों की सिमटी सी
कुछ यादें मेघों जैसी हैं
कुछ एक बातें …
इक शीत बूँद अंगारों पर
तृप्ति पूर्व ही झुलस गयी
हार जीत की नैनझील पर
सुधियों की नावों जैसी हैं
कुछ एक बातें …
---बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीय सुशील सरना जी।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
yesterday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
yesterday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service